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‘याद तेरी आएगी मुझको बड़ा सताएगी…’

राजीव कपूर Rajeev Kapoor

राजीव कपूर

नई दिल्ली। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर ने 2020 में इस दुनिया को अलविदा कहा था। उनके छोटे भाई राजीव कपूर का निधन मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। राजीव कपूर 58 साल के थे। उन्होंने 1983 में फिल्म ‘एक जान हैं हम’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। उसी फिल्म का एक गाना ‘याद तेरी आएगी मुझको बड़ा सताएगी…’ आज फिर से लोगों के जुबान पर आ चुका है। राजीव कपूर एक एक्टर भी थे, प्रोड्यूसर भी थे और एक डायरेक्टर भी थे, लेकिन सफलता उन्हें इन तीनों में नहीं मिल पाई।

हां, साल 1985 में आई उनकी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित जरूर हुई, लेकिन इसमें भी उनके अभिनय के बजाए सबका ध्यान फिल्म की एक्ट्रेस मंदाकिनी के दो सीन पर ही टिका रहा। एक झरने के नीचे सफेद साड़ी में मंदाकिनी का दृश्य और दूसरा ट्रेन में भूखे बच्चे को मंदाकिनी द्वारा स्तनपान कराने वाला दृश्य। राजीव कपूर की एकलौती सुपरहिट फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ को आज भी सिर्फ मंदाकिनी की वजह से ही याद किया जाता है। इस फिल्म को लेकर कभी भी राजीव कपूर की चर्चा नहीं हो पाई।

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राजीव कपूर ने एक हीरो के रूप में 14 फिल्मों में काम किया, जिसमें ‘जिम्मेदार (1990)’, ‘नाग नागिन (1989)’, ‘शुक्रिया (1988)’, ‘हम तो चले परदेश (1988)’, ‘जलजला (1988)’, ‘प्रीति (1986)’, ‘अंगारे (1986)’, ‘लवर ब्वॉय (1985)’, ‘राम तेरी गंगा मैली (1985)’, ‘जबरदस्त (1985)’, ‘मेरा साथी (1985)’, ‘आसमान (1984)’ और ‘एक जान हैं हम (1983)’ के नाम शामिल हैं। राजीव कपूर की इन फिल्मों में सिर्फ एक ‘राम तेरी गंगा मैली’ ही बॉक्स ऑफिस पर चल पाई थी। 1988 में पिता राज कपूर के निधन के बाद उन्होंने दो और फिल्में कीं और फिर एक्टिंग से रिटायरमेंट ले लिया।

एक्टिंग के बाद उन्होंने प्रोड्यूसर के रूप में अपनी पहचान बनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन इसमें भी उन्हें असफलताएं ही हाथ लगी। राजीव ने ‘आ अब लौट चलें’, ‘प्रेमग्रंथ’ और ‘हिना’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया। इन फिल्मों के गाने को हिट हुए, लेकिन फिल्में फ्लॉफ साबित हुईं। उन्होंने ‘प्रेमग्रंथ’ को प्रोड्यूस तो किया ही था, साथ ही इस फिल्म के जरिए उन्होंने निर्देशन में भी हाथ आजमाया था। लाख कोशिशों के बाद भी जब उन्हें सफलता नहीं मिली तो उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली थी।

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