आजकल की गलत जीवनशैली और बहुत ही कम शारीरिक गतिविधियों की वजह से घुटने में दर्द होना आम बात हो गई है। जो आगे चलकर आर्थराइटिस का रूप ले लेता है। वैसे तो बढ़ती उम्र में घुटने में दर्द और आर्थराइटिस की समस्या हो जाती है। लेकिन आजकल कई सारे नौजवान भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं। तो अगर घुटने के दर्द से परेशान होकर डॉक्टर के चक्कर काट रहे हैं और पेन किलर लगातार खा रहे हैं तो एक बार योग को दिनचर्या में शामिल करें। रोजाना योग (Yogasana) के इन आसनों का अभ्यास आर्थराइटिस जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा।
मक्रासन करने से पैरों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है जिससे घुटनों के दर्द से आराम मिलता है। इस आसन को करने के लिए पेट का खाली होना जरूरी नहीं है। मक्रासन को दो से पांच मिनट तक किया जा सकता है।
पेट के बल लेट जाएं, ठोड़ी, छाती एवं पेट जमीन से स्पर्श होते रहें। पैरों के बीच में अपने योग मैट के बराबर दूरी बनाएं। अब आप सिर को उठाएं और दोनों हाथों को गाल पर रखें। धीरे धीरे दोनों पैरों को नीचे से ऊपर अपने हिप्स की ओर लेकर आएं और फिर धीरे-धीरे नीचे लेकर जाएं। इसी तरह से करीब दस बार इस आसन का अभ्यास करें।
मलासन को करने से एड़ियों, घुटनों और जांघों को मजबूती मिलती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि शुरुआत में इस आसन को केवल 60 सेकंड के तक करना चाहिए।
इस आसन को करने से पैरों में खून का संचरण तेजी से होने लगता है जिससे घुटनों और जांघों की मांसपेशियों का कड़ापन खत्म होता है और दर्द से आराम मिलता है। सुबह के समय वीरासन को करने के फायदे ज्यादा मिलते हैं। इसके साथ ही वीरासन को करते समय खाली पेट होना जरूरी नहीं है।
समतल भूमि पर आसन बिछाकर वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। अर्थात, घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं। अब दोनों पैरों को थोड़ा फैलाएं और हिप्स को भूमि पर टिकाकर सीध में रखें। अब दोनों हाथों को घुटनों पर सीधा तानकर रखें। कंधों को आराम की मुद्रा में रखें और तनकर बैठें। सिर को सीधा रखें और सामने की ओर देखें। इस मुद्रा में 30 सेकेंड से 1 मिनट तक बने रहें।