नई दिल्ली। आज दुनियाभर में वर्ल्ड अस्थमा डे (World Asthma Day) मनाया जा रहा है। विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) हर साल 3 मई को लोगों के बीच अस्थमा (Asthma) को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। अस्थमा सांस से जुड़ी एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो लोगों के बीच तेजी से बढ़ रही है। इस रोग से पीड़ित मरीज डॉक्टर की सलाह और दवाईयों के साथ ये योगासन (yogasanas) ट्राई करके इस समस्या से काफी हद तक राहत पा सकते हैं।
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क्या है अस्थमा (Asthma) रोग-
अस्थमा एक सांस से जुड़ी बीमारी है, जो वायुमार्ग में सूजन और इसके छोटे हो जाने के कारण होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई, खांसी के साथ और भी कई तरह की परेशानियां होती हैं। रोगी का उपचार इनहेलर के उपयोग से किया जाता है। लेकिन कुछ योग की मदद से भी आप इस समस्या में राहत पा सकते हैं।
श्वासन-
अस्थमा के मरीजों के लिए श्वासन सबसे कारगर आसन माना जाता है। यह आसन न सिर्फ चिंता और मानसिक तनाव को दूर करता है बल्कि दिमाग को शांत भी रखता है।
सुकासन-
सुकासन भी अस्थमा के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इस आसन को करते समय पूरा ध्यान सांस लेने और छोड़ने पर केंद्रित होता है इसलिए यह अस्थमा के ट्रीटमेंट में कारगर है और फेफड़ों को भी स्वस्थ रखता है।
भ्रामरी प्राणायाम-
यह सांस लेने का व्यायाम मन को शांत करने और शरीर को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। यह स्वाद और सुगंध के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में भी मदद करता है। यह तनाव और चिंता को दूर करने और गले की परेशानी का इलाज करने में मदद करता है।
उपविष्ठ कोणासन-
उपविष्ठ कोणासन को अंग्रेजी में Upavistha Konasana या फिर Seated Wide Angle Pose भी कहा जाता है। इस आसन में जमीन पर हिप्स के बल बैठकर दोनों टांगों को जितना हो सके फैलाने का अभ्यास किया जाता है। उपविष्ठ कोणासन को करने का सबसे अच्छा समय खाली पेट सुबह या फिर शाम को खाने के 5-6 घंटे बाद होता है। इस आसन को 30 से 60 सेकेंड तक किया जा सकता है।
भ्रस्तिका प्राणायाम-
यह आसन फेफड़ों के लिए बेहद ही अच्छा व्यायाम है। यह अवसाद, चिंता और यहां तक कि फाइब्रोसिस के इलाज में मदद करता है। इसके अलावा यह खांसी, फ्लू, श्वसन संबंधी समस्याओं, एलर्जी या सांस फूलने की समस्या के इलाज में भी मदद करता है।