भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान नेता योगेन्द्र यादव किताब लिखना चाहते हैं। इसलिए उन्हें मोर्चे ने एक महीने की छुट्टी दी है। टिकैत ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि योगेन्द्र यादव पढ़े-लिखे आदमी हैं। उनको एक किताब लिखनी थी, जिसके लिए उन्हें वक्त चाहिए था।
हालांकि गुरुवार को योगेन्द्र यादव ने खुद स्वीकार किया था कि उन्हें मोर्चे से एक महीने के लिए निष्कासित किया गया है। यादव ने अपने बयान में कहा था कि लखीमपुर खीरी हिंसा में हुई भाजपा कार्यकर्ता की मौत के बाद उनके परिजनों से मिलने और संवेदना प्रकट करने चले गये थे । इस वजह से उन्हें मोर्चे से बाहर कर दिया गया है, जिसका वो स्वागत करते हैं।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को एक बैठक हुई। इस बैठक में योगेंद्र यादव को निलंबित करने संबंधी फैसला लिया गया। हालांकि इस बैठक में योगेंद्र यादव भी शामिल थे, उसके बावजूद उन्हें मोर्चा का निर्णय रात साढ़े नौ बजे बताया गया।
न्याय को कुचलने की सरकारी कोशिशों को सफल नहीं होने देंगे: प्रियंका
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा था कि लखीमपुर खीरी में हुए घटनाक्रम पर सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी के प्रति किसानों के आक्रोश को दरकिनार कर योगेंद्र यादव का भाजपा कार्यकर्ता के घर जाना किसान संगठनों को अनुचित लगा। इसलिए उनकी मांग के अनुरूप कार्रवाई की गई है।