आगामी विधानसभा चुनाव से पहले योगी मंत्रिमंडल का तीसरा और आखिरी विस्तार मानसून सत्र से पहले हो सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नाम भी तय कर लिए गए हैं।
केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलते ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा। यही वजह है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल सोमवार को दिल्ली रवाना हो गए। भाजपा चुनावी मोड में आ चुकी है। इसे देखते हुए संगठन सरकार तक के कील और कांटें दुरुस्त करने में जुटा है।
बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व और आरएसएस के साथ कई दौर की वार्ता के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति बनी है। मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये बीजेपी जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधने की कोशिश करेगी। जानकारी के मुताबिक, मंत्रिमंडल विस्तार में अधिकतम 10 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है, जबकि चार मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी भी हो सकती है।
पेट्रोल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर, डीजल की कीमतों में स्थिरता
बता दें कि मौजूदा समय में योगी मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं। यानी मंत्रियों की संख्या कुल 54 है। नियमों के मुताबिक, अभी 6 मंत्री पद खाली हैं। ऐसे में योगी सरकार अगर कैबिनेट से किसी भी मंत्री को नहीं हटाती है तो भी 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक चार ऐसे मंत्री हैं जो उम्रदराज हैं और उनका कामकाज भी ठीक नहीं है उन्हें हटाया जा सकता है।
दवा किया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए पार्टी ओबीसी, ब्राह्मण समेत अन्य जातियों को साधने की कोशिश होगी। मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय व जातीय संतुलन भी देखने को मिलेगा। मंत्रिमंडल विस्तार मानसून सत्र से पहले होगा।