प्रदेश की योगी सरकार कोरोना की तीसरी लहर को लेकर ज्यादा सतर्क दिख रही है। यही वजह है कि देश में 3 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट वाले 11 राज्यों से यूपी में आने वालों के लिए शनिवार से नए नियम लागू कर दिए गए हैं।
नए नियम के मुताबिक देश के 11 चिन्हित राज्यों से यूपी में आने वालों के लिए कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट या कोरोना के दोनों डोज का प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है।
नए नियम लागू होने के बाद प्रदेश के सभी हवाई अड्डे, बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर बाहर से आ रहे लोगों की सख्ती के साथ स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है। प्रदेश में आने वाले यात्री के पास अगर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट चार दिन पुरानी नहीं होगी या फिर कोरोना टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं होगा तो ऐसे यात्रियों को यूपी में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। आगामी 31 जुलाई तक इन राज्यों से आ रहे लोगों पर सख्ती की जाएगी। फिर पॉजिटिविटी रेट के अनुसार राज्यों की नई सूची अपडेट होगी।
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इन राज्यों से आने वाले यात्रियों पर नियम लागू
जिन 11 राज्यों से आने वाले लोगों पर सख्ती की जा रही है उनमें मेघालय, त्रिपुरा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, गोवा व अरूणांचल प्रदेश शामिल है। इन राज्यों में पॉजिटिविटी रेट तीन प्रतिशत से ज्यादा है। इन्हें 20 जुलाई से 23 जुलाई के बीच की कोरोना जांच रिपोर्ट दिखानी होगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. डीएस नेगी ने बताया कि एक अगस्त से 15 अगस्त तक किन-किन राज्यों से आने वाले लोगों पर सख्ती की जाएगी इसकी सूची जल्द तैयार की जाएगी। इन राज्यों के लोगों को 28 जुलाई से 31 जुलाई के मध्य कराई गई कोरोना जांच की रिपोर्ट या फिर दोनों टीके लगाए जाने का प्रमाण पत्र साथ लाना होगा।
गौरतलब है कि कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक के बाद अब भारत में भी एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि कोरोना की तीसरी लहर अगस्त के अंतिम सप्ताह में आ सकती है। ऐसे में जब यूपी में इस समय सिर्फ 0.01 फीसद पॉजिटिविटी रेट है, तो तीसरी लहर को रोकने के लिए और संक्रमण न बढ़े इसलिए सख्ती की जा रही है।