मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 के साथ बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की और जरूरी दिशा निर्देश दिए। योगी ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) का प्रमाणपत्र को आजीवन वैधता प्रदान करने के निर्देश दिए।
अब अभ्यर्थियों को एक बार परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद दोबारा देने की आवश्यकता नहीं होगी। इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने को कहा। साथ ही कोविड संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेशवासियों को टीका-कवर प्रदान करने की प्रक्रिया और तेज करने की बात कही।
कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी के दिशा-निर्देश :
- लगातार नियोजित कोशिशों से अब ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नए मामले नहीं मिल रहे, तो कई जिलों में नए केस इकाई में आ रहे हैं। लखनऊ छोड़ शेष 74 जिलों में 300 से कम एक्टिव केस शेष हैं। 25 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में महामारी पर नियंत्रण, बेहतर टीमवर्क का परिणाम है। उत्तर प्रदेश ने यह साबित करके दिखाया है कि कोरोना महामारी हो या कोई भी चुनौती, अगर दृढ़ इच्छाशक्ति और सामूहिकता के साथ हर कोई अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा तो सकारात्मक परिणाम आने में देर नहीं लगेगी
- विगत 24 घंटों में 02 लाख 86 हजार 396 सैम्पल जांचे गए। इसी अवधि में संक्रमण के 310 नए केस सामने आए हैं और 927 मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए हैं। वर्तमान में कुल 6,496 एक्टिव हैं। इसमें 3,920 लोग घर पर उपचाराधीन हैं। बीते 24 घंटों में कुल पॉजिटिविटी दर मात्र 0.1% रही, जबकि रिकवरी दर 98.3% हो गई है। प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 41 लाख 45 हजार 947 सैम्पल टेस्ट हो चुके हैं। कोरोना महामारी के बीच अब तक 16 लाख 74 हजार 999 प्रदेशवासी कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
- कोविड संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेशवासियों को टीका-कवर प्रदान करने की प्रक्रिया और तेज करने की आवश्यकता है। ब्लॉक स्तर पर गांवों के अलग-अलग क्लस्टर बनाकर सघन टीकाकरण अभियान चलाया जाए। लोगों को ग्राम पंचायत भवन अथवा निकटतम सीएचसी पर ही वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाए।जिस दिन टीकाकरण होना है, उस तिथि के बारे में लोगों को पहले से जानकारी हो।
- पढ़ाई, नौकरी अथवा खेल प्रतिस्पर्धाओं के कारण विदेश यात्रा पर जाने वाले ऐसे लोग, जिन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है और 28 दिन का समय पूर्ण हो चुका है, वह दूसरी डोज लगवा सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए जिला अस्पतालों में विशेष टीकाकरण बूथ बनाए जाएं। इनके प्रपत्रों की पड़ताल कर सुगमतापूर्वक टीकाकरण कराया जाए।
- गाजीपुर जिले में गंगा नदी में लकड़ी के बक्से में एक नवजात बच्ची मिली है। सरकार बच्ची की देखभाल करेगी । नाविक द्वारा बालिका को बचाना मानवता का अनुपम उदाहरण है। प्रदेश सरकार उन्हें धन्यवाद ज्ञापित की करते हुए आवास की सुविधा देगी। इसके अलावा, अन्य पात्र योजनाओं से भी उसे तत्काल लाभान्वित कराया जाए।
- कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण व शिक्षा-दीक्षा के प्रबंधन के लिए प्रारंभ “मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” में ₹4,000 मासिक सहायता राशि प्रॉप्त करने के लिए परिवार की न्यूनतम आय को ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख किया जाए। यही नहीं, यदि बच्चे की माता जीवित हैं तो उन्हें निराश्रित महिला पेंशन व अन्य पात्र योजनाओं से भी लाभान्वित कराया जाए।
- भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) का प्रमाणपत्र को आजीवन वैधता प्रदान की जाए। एक बार परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद दोबारा देने की आवश्यकता नहीं होगी। इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाए। डीएलएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पूर्व प्रचलित व्यवस्था ही लागू रखी जाए।
- बाढ़ की आशंका के दृष्टिगत राहत संबंधी सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएँ। ड्राई राशन जिस पैकेट में दें, उसकी गुणवत्ता भी अच्छी हो। आपदा से पीड़ित लोगों को 24 घंटे के भीतर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हाथों अनुमन्य सहायता राशि प्रदान कराई जाए।
- टीकाकरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। बीते 24 घंटों में 4,08,731 लोगों ने वैक्सीन लगाई गई। अब तक 02 करोड़ 38 लाख से अधिक वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं। जबकि, अगस्त की समाप्ति तक 10 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य है।
- सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कठोरता से कार्रवाई की जाए। फेक वीडियो, फेक न्यूज के प्रसार करने वालों से सख्ती से निपटें। साम्प्रदायिक उन्माद बढ़ाने की एक भी कोशिश स्वीकार नहीं कि जाएगी।
- ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना राज्य सरकार प्राथमिकता में है। यह सुखद है कि बीते 24 घंटे में 14 नए प्लांट शुरू हो गए हैं। इस तरह अब 99 प्लांट क्रियाशील हैं। शेष स्वीकृत प्लांट के संबंध में स्थापना की प्रक्रिया तेज की जाए।
- सीएचसी और पीएचसी से जुड़े मार्गों के सुदृढ़ीकरण की कार्यवाही की जानी चाहिए।
- बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष अभियान शुरू हो गया है। जिलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निगरानी समितियों को दवाइयों का पैकेट दिलाया जाए। लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करें। अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सतत मॉनीटरिंग की जाए।