लखनऊ। शिक्षा के नाम पर प्राइवेट कॉलेज (private college) अब मनचाही फीस नहीं वसूल सकेंगे। योगी सरकार (Yogi Government) बीटेक-एमटेक-एमबीए-एनसीए-बी.फार्मा-एम.फार्मा-डिप्लोमा सहित कई कोर्सों की फीस निर्धारित करने की तैयारी कर रही है।
राज्य सरकार (Yogi Government) द्वारा गठित प्रवेश और फीस नियमन समिति ने प्रस्तावित फीस का विवरण जारी करते हुए सभी संस्थाओं के इस पर आपत्ति के लिए 30 दिन का समय दिया है। यदि संस्थान 30 दिन के अंदर आपत्ति नहीं देते हैं तो सरकार मान लेगी कि उन्हें इस फीस पर कोई आपत्ति नहीं है।
उत्तर प्रदेश प्रवेश और फीस नियम समिति, प्राविधिक शिक्षा विभागने 23 जून 2022 को जारी आदेश में कहा कि ये शुल्क एक वर्ष (शैक्षणिक सत्र 2022-23) के लिए मान्य होंगे।
समिति के प्रस्ताव में बीटेक की एक साल की फीस 55 हजार रुपए, बी फार्मा की 63,300 रुपए, बीआर्की की 57,730 रुपए, बीएफए की 85,250 रुपए, बीएफएडी की 85,250 रुपए,बीएचएमसीटी की 70,000 रुपए, एमबीए की 59,700 रुपए, एमसीए की 55,000 रुपए, एमफार्मा की 68,750 रुपए, एमआर्की की 57,500 रुपए, एमटेक की 57,500 रुपए, सभी बी.बोकेशनल कोर्सों की 26,900 रुपए, एमबीए इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों की 25,750 रुपए रखी गई है।
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समिति ने सभी डिग्री-डिप्लोमा स्तरीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे मानक शुल्क से सहमत हों या असहमत अपना विकल्प आनलाइन माध्यम से जरूर बता दें। जो संस्थान 30 दिन के अंदर ऐसा नहीं करेंगे मान लिया जाएगा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।