Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

हीट वेव से निपटने के लिए योगी सरकार ने कसी कमर

Heat Wave

Heat Wave

लखनऊ। गर्मी के मौसम में हीट वेव (Heat Wave) के कारण उत्पन्न होने वाले रोगों के प्रबंधन और तैयारियों के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से समस्त जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। दिशा निर्देशों में अंतर्विभागीय समन्वय के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की संचालित होने वाली गतिविधियों का ब्यौरा दिया गया है। साथ ही अत्यधिक हीट वेव (Heat Wave) के दौरान क्या करें और क्या न करें, इसकी भी जानकारी दी गई है।

उल्लेखनीय है कि विभिन्न केंद्रीय संस्थाओं की ओर से इस वर्ष उत्तर प्रदेश सहित देश के अधिकांश भागों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना व्यक्त की गई है। इसी को लेकर प्रदेश सरकार ने जनमानस के हितों को ध्यान में रखते हुए ये दिशा निर्देश दिए हैं।

शीतल पेयजल के साथ हो शेल्टर्स की भी व्यवस्था

विभिन्न संस्थानों द्वारा मार्च से मई, 2024 के बीच गर्मी के मौसम में सीजनल आउटब्रेक की जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि मार्च से मई 2024 के मध्य देश के अधिकांश भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इस अवधि में उत्तर प्रदेश के मध्य एवं उत्तर पश्चिम भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इसी के साथ देश के अधिकांश भागों में इस अवधि में मासिक न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। वहीं, देश के मध्य तथा उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में मार्च से मई 2024 के मध्य हीट वेव (Heat Wave) के प्रचलन की अधिक संभावना है।

अधिकांश क्षेत्रों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका के चलते हीट रिलेटेड इलनेसेज के विषय में अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए गतिविधियां प्राथमिकता के आधार पर किया जाना आवश्यक है। इसके अंतर्गत भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर जनमानस के लिए शीतल एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, गर्मी से बचाव के लिए शेलटर्स की व्यवस्था, व्यस्त स्थानों पर मौसम के पूर्वानुमान तथा तापमान का डिस्प्ले और विद्यालयों में हीट वेव से बचाव के लिए उपायों का जनमानस में व्यापक प्रचार प्रसार सम्मिलित है।

आवश्यक दवाओं समेत अन्य उपकरणों की हो उपलब्धता

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चिकित्साधिकारियों, पैरामेडिकल कर्मचारियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स का प्रशिक्षण एवं संवेदीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना आवश्यक है जिसमें इन रोगों की शीघ्रता पहचान तथा उपचार के विषय में भी बताया जाए। इसके अलावा, आवश्यक औषधियां, इंट्रावीनस फ्लूड्स, आइसपैक्स, ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट इत्यादि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए।

वहीं, चिकित्सा इकाइयों पर पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता हो और अत्यधिक तापमान की स्थितियों का सामना करने के लिए चिकित्सा इकाइयों पर कूलिंग उपकरणों की निरंतर क्रियाशीलता सुनिश्चित किए जाने हेतु अबाधित विद्युत आपूर्ति, यथासंभव सोलर पैनल्स का इंस्टालेशन, विद्युत ऊर्जा के संरक्षण के लिए आवश्यक उपाय, शीतल या हरित छत के माध्यम से इंडोर तापमान कम करने के उपाय, खिड़कियों पर तथा खुले क्षेत्रों में शेड लगाना इत्यादि गतिविधियां भी संपादित की जाएं। इसके अलावा, राज्य स्तर से जारी की जा रही सूचनाओं, शिक्षा तथा संवाद सामग्री का प्रयोग जन सामान्य के संवेदीकरण हेतु किया जाए।

क्या करें क्या न करें

हीट वेव (Heat Wave) की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती है। तत्काल उचित उपचार उपलब्ध न होने की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। हीट वेव के प्रभावों को कम करने के लिए इन तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए।

क्या करें

1. सावधान रहें

-हीट वेव/लू के संबंध में प्रचार माध्यमों से जारी की जा रही चेतावनी पर ध्यान दें।

-हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैंप के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना. मूर्छा आदि को पहचानें।

-कमजोरी अथवा मूर्छा जैसी स्थिति का अनुभव होने पर तत्काल चिकित्सीय सलाह लें।

2. हाइड्रेटेड रहे

-अधिक से अधिक पानी पिएं, यदि प्यास न लगी हो तब भी।

-यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ अवश्य ले जाएं।

यूपी एटीएस की बड़ी कामयाबी, हिजबुल मुजाहिद्दीन के तीन आंतकियों को दबोचा

-ओआरएस, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।

-जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों का प्रयोग करें जैसे तरबूजा, खरबूजा, संतरे, अंगूर, अन्नानास और खीरा-ककड़ी।

3. शरीर को ढक कर रखें

-हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें।

-धूप के चश्मे, छाता, टोपी, व चप्पल का प्रयोग करें।

-अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहे तथा छाते का प्रयोग करें।

4. अधिक से अधिक समय तक घर या कार्यालय के अंदर रहें

-उचित वायु संचरण वाले शीतल स्थानों पर रहें।

-सूर्य की सीधी रोशनी तथा हीट वेव को रोकने के लिए उचित प्रबंध करें और अपने घरों को ठंडा रखें। दिन में खिड़कियां, पर्दे तथा दरवाजे बंद रखें। विशेषकर घर तथा कार्यालय के उन क्षेत्रों में जहां सूरज की सीधी रोशनी पड़ती हो। शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठंडा करने के लिए इन्हें खोल दें।

-घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढ़ाएं।

-पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें।

5. उच्च जोखिम समूहों के लिए निर्देश

एक वर्ष से कम आयु के शिशु तथा अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, आउटडोर कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, विशेषकर हृदय रोगी अथवा उच्च रक्तचाप से ग्रस्त व्यक्ति, ऐसे व्यक्ति जो ठंडे क्षेत्रों से गर्म क्षेत्रों में जा रहे हों, वह सभी विशेष ध्यान रखें क्योंकि यह समूह हीट वेव के लिए अधिक संवेदनशील होता है।

6. अन्य सावधानियां

-ऐसे बुजुर्ग तथा बीमार व्यक्ति जो एकांतवास करते हों, के स्वास्थ्य की नियमित रूप से देखभाल तथा समीक्षा की जानी चाहिए।

-दिन के समय में अपने घर के निचले तल पर प्रवास का प्रयास करें।

-शरीर के तापमान को कम रखने के लिए पंखे, गीले कपड़े इत्यादि का प्रयोग करें।

क्या न करें

-अधिक गर्मी वाले समय में, विशेषकर दोपहर 12 से 3 बजे के मध्य, सूर्य की सीधी रोशनी में जाने से बचें।

-नंगे पैर बाहर न निकले।

-अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग से बचें तथा बासी भोजन का प्रयोग न करें।

-बच्चों तथा पालतू जानवरों को बड़ी गाड़ियों में न छोड़ें।

-गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें।

-जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें।

-अधिक गर्मी के समय खाना बनाने से बचें, रसोई वाले स्थान को ठंडा करने के लिए दरवाजे तथा खिड़कियां खोल दें।

-शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक आदि के उपयोग से बचें, क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करते हैं।

Exit mobile version