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योगी सरकार को युवाओं की बिलकुल भी चिंता नहीं है : लल्लू

अजय कुमार लल्लू ajay kumar lallu

अजय कुमार लल्लू

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि झूठे प्रचार और भ्रष्टाचार को आधार बनाने वाली योगी सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है और इसी वजह से प्रदेश का नौजवान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्म दिन को ‘यूपी बेरोजगार दिवस’ के रूप में मना रहा है।

श्री लल्लू ने शनिवार को कहा कि योगी सरकार को नौजवानों की बिलकुल चिन्ता नहीं है। आज प्रदेश का नौजवान बहुत ही आक्रोशित है, जो भाजपा 2017 में रोजगार का नारा देकर और नौजवानों को नौकरी का भरोसा देकर सत्ता में लाई थी और वादा किया था कि भाजपा सरकार में पांच साल में 70 लाख नौकरियां और प्रत्येक युवा को रोजगार दिया जायेगा। लेकिन सरकार बनते ही उन वादों को भूलकर एकदम विपरीत काम शुरू कर दिया।

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उन्होने कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री झूठे आंकड़े पेश कर नौजवानों के दुख पर नमक छिड़कते रहे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की नौजवान विरोधी नीति-नीयत जगजाहिर हो चुकी है। जिसका प्रमाण है किअकेले शिक्षा विभाग में दो लाख से ज्यादा पद खाली हैं, वर्षो से भर्ती प्रक्रिया लंबित है। उच्च प्राथमिक स्कूलों में अनुदेशकों के हजारों पद खाली है। 1.25 लाख शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द हुआ, जिस पर सुप्रीमकोर्ट ने सरकार काे निर्देशित किया कि मानवीय दृष्टिकोण पर इनका समायोजन किया जाय लेकिन कुछ नहीं हुआ।

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प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यूपी अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में भी भर्तियां लंबित हैं, जिसमें जूनियर असिस्टेन्ट भर्ती, मण्डी परिषद निरीक्षक , बी.डी.ओ. के पद शामिल है। लोवर पीसीएस के पद खाली पड़े हैं। राजस्व विभाग में 20 हजार लेखपाल, अमीन, अनुसेवक के पद रिक्त पडे हुये है।

सीएमआईई की रिपोर्ट सार्वजनिक है, जिससे स्पष्ट है कि 2017 में बेरोजगारी दर 2.1 प्रतिशत से बढ़कर बेरोजगारी 6.9 हो गयी। प्रदेश ने आजादी के बाद इतना बड़ा बेरोजगारी का दंश नहीं झेला जितना आज भाजपा सरकार की वजह से नौजवान को भुगतना पड़ रहा है। सरकार के भ्रष्टाचार के चलते एक भी भर्ती परीक्षा ऐसी नहीं हुई जिसका पेपर न लीक हुआ हो। भर्ती प्रक्रिया लंबित होने से प्रदेश के लाखों नौजवानों की आयु भर्ती सीमा से बाहर हो गयी। 2018 में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 21.39 लाख थी, जो 2020 में बढ़कर 33.93 लाख हो गयी और सरकार अपना अलग ही राग अलापती रही।

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