कोरोना वायरस के कहर के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। COVID-19 के कारण विशेष पैरोल पर रिहा हुए 2,314 सजायाफ्ता कैदियों को 3 दिनों के भीतर जेलों में लौटने का निर्देश दिया है। तो वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में लव जिहाद को लेकर सख्त कानून लाने की तैयारी तेज हो गई है। ग़ृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, उऩकी तरफ से इस संबंध में एक प्रस्ताव विधि विभाग को भेज दिया गया है।
दरअसल, पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनेगा। उन्होंने कहा कि इससे न्यायालय के आदेश का पालन भी होगा और बहन-बेटियों का सम्मान भी होगा। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हादसा, अनियंत्रित होकर कार पलटी, बच्चे की मौत
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक नहीं है। इसको मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। इसलिए सरकार भी निर्णय ले रही है कि हम लव जिहाद को सख्ती से रोकने का काम करेंगे. एक प्रभावी कानून बनाएंगे। इस देश में चोरी-छिपे, नाम और धर्म छुपाकर जो लोग बहन-बेटियों के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनको पहले से मेरी चेतावनी है।
एक महत्वपूर्ण फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। जस्टिस एससी त्रिपाठी ने प्रियांशी उर्फ समरीन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नूरजहां बेगम केस के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है।