उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 7 हजार 301 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि इसमें तीन हजार करोड़ रुपए युवाओं के रोजगार पर खर्च होंगे। इस बजट में आशा वर्कर, चौकीदारों, ग्राम प्रहरी, आंगनबाड़ी, रोजगार सेवक, प्रांतीय रक्षक दल, रसोईया समेत विभिन्न संभागों में काम कर रहे कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने का जिक्र किया गया है।
अधिवक्ताओं के लिए भी स्पेशल बजट लाया जा रहा है। गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान किया जाएगा। विस्तृत बजट गुरुवार को सदन में पेश की जाएगी। इसके बाद इस पर चर्चा होगी।
विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई और 6 मिनट के अंदर ही स्थगित कर दी गई। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। नारेबाजी के चलते सत्र की कार्यवाही 45 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के रवैये पर नाराजगी जताई। कहा, यूपी विधानसभा का आकार देश मे सबसे बड़ा है, बल्कि यूं कहें कि कई देशों से बड़ा है तो गलत नहीं होगा। लेकिन बहस की गुणवत्ता घटने और सदस्यों के शोर शराबा करने से आमजनमानस में गलत संदेश जाता है।
आम जनता इससे प्रभावित होती है। जनता सदस्यों को सीधे देखती है। कार्यवाही अगर सुचारू रूप से चले तो जनता प्रसन्न होती है। इसलिए सदस्यों को शालीनता का व्यवहार करना चाहिए। एक अच्छा संदेश जनता को देना होगा। हमारा ये दायित्व है।