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60 हजार विद्यालयों के बाद 40 हजार ग्रामों को शुद्ध पानी देगी योगी सरकार

CM Yogi

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लखनऊ/फैजाबाद। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 59708 विद्यालयों में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के बाद अब योगी सरकार बुंदेलखंड व विंध्य क्षेत्र के नौ जिलों के लगभग 45 सौ ग्रामों को पाइप पेयजल योजनाओं से आच्छादित करने हेतु परियोजनाएं स्वीकृत की हैं।

प्रदेश में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के नाम से संचालित इस योजना के तहत सबसे पहले उन घरों का बेसलाइन सर्वे कराया गया, जिन घरों में पाइपलाइन से आपूर्ति नहीं हो रही है। इस सर्वे के आधार पर ही आगे की कार्य योजना तैयार की गई।

योगी सरकार ने बुंदेलखंड व विंध्य क्षेत्र के नौ जनपदों के लगभग 45 सौ ग्रामों में, जिनमें कभी शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं हुई थी, को पाइप पेयजल योजनाओं से आच्छादित करने हेतु परियोजनाएं स्वीकृत की हैं। पूरे क्षेत्र को 50 भागों में बांटकर टेंडर किए गए और सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले बिडर्स को बहुत ही प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की गई। इन कंपनियों द्वारा अगले 10 वर्षों तक इन परियोजनाओं का रखरखाव भी किया जाएगा।

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राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन व नमामि गंगे परियोजना के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना में धन की कोई कमी नहीं आने दी है। पीने का पानी घरों में नल से उपलब्ध कराए जाने के मिशन की शुरुआत 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन के रूप में की। इस योजना के तहत देश के सभी गांवों के हर घर में 2024 तक नल से पीने का पानी उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है।

इस बारे में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन व नमामि गंगे परियोजना के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि हर घर नल से पीने का पानी उपलब्ध कराने का जो सपना हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने देखा है, उसे समय रहते पूरा करना हम लोगों का कर्तव्य है और हम इसे पूरा भी करेंगे।

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जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 59708 विद्यालयों में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रदेश में आर्सेनिक से प्रभावित 1441 बस्तियों में से अब तक 1358 बस्तियों में पाइप पेयजल योजना के माध्यम से हर घर तक नल से जल उपलब्ध कराया जा चुका है। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश में लगभग 1000 बस्तियों में आर्सेनिक रिमूवल यूनिट एवं फ्लोराइड रिमूवल यूनिट लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा प्रभावित 1025 ग्रामों में नये आर्सेनिक रिमूवल यूनिट व फ्लोराइड रिमूवल यूनिट लगाए जा रहे हैं।

प्रदेश में गुणवत्ता प्रभावित विशेष ग्रामों को जे.ई., ए.ई.एस. से प्रभावित ग्रामीणों को आकांक्षात्मक जनपदों के ग्रामों को, सांसद आदर्श ग्राम योजना से आच्छादित ग्रामों को, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों को तथा अन्य अवशेष ग्रामों को भी जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पाइप पेयजल योजना से आच्छादित करने का बीड़ा भी योगी सरकार ने उठाया है।

योगी सरकार ने प्रथम चरण में प्राथमिकता वाले 40 हजार ग्रामों को चयनित कर यह तय किया कि इन ग्रामों को शुद्ध पाइप पेयजल योजना से आच्छादित करने के लिए राज्य स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग कराई जाए, जिससे योग्य और समर्थ बिडर्स आ सके, प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त हो सके और समय से कार्य पूर्ण कराया जा सके।

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इन दरों के आधार पर डीपीआर के गठन का कार्य जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को प्रस्तुत किया जाएगा और प्रोजेक्ट स्वीकृति का अधिकार राज्य सरकार द्वारा जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को दे दिए गए हैं, ताकि कार्य सुगमता और तेजी से हो सके। ज्ञातव्य है कि जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं। बताते चलें कि इन सभी प्रोजेक्ट का रखरखाव अगले 10 वर्षों तक इन्हीं बिल्डर्स द्वारा किया जाना है।

उप निदेशक सूचना, अयोध्या मण्डल, अयोध्या

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