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अर्थव्यवस्था को 10 खरब डॉलर तक पहुंचाने को योगी सरकार 45 करोड़ में रखेगी कंसल्टेंट

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राज्य सरकार ने अर्थव्यवस्था को 10 खरब डालर तक पहुंचाने के लिए कंसल्टेंट का चयन प्रतिस्पर्धा के जरिए नहीं करेगी। शासन की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने बिना प्रतिस्पर्धा केंद्र सरकार की संस्था इन्वेस्ट इंडिया को बतौर कंसल्टेंट जोड़ने की सिफारिश कर दी है। कंसल्टेंट पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। अब इस संस्तुति पर अंतिम फैसला प्रदेश कैबिनेट करेगी।

गौरतलब है कि सरकार ने राज्य सरकार की अर्थव्यवस्था को 10 खरब डालर तक पहुंचाने के लिए आईआईएम लखनऊ के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद तय रूपरेखा पर आगे बढ़ने की योजना बनाई थी। इसके लिए कंसल्टेंट की सेवाएं लेने का फैसला हुआ था।

शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व में नियोजन विभाग ने जब निविदा के जरिए कंसल्टेंट चयन की कार्रवाई शुरू की थी, तब निविदा में न्यूनतम वित्तीय प्रस्ताव 43.60 करोड़ रुपये का प्राप्त हुआ था। इसे किन्हीं कारणों से बीच में रद्द करना पड़ा। बाद में इन्वेस्ट इंडिया ने इस प्रोजेक्ट पर 45.50 करोड़ रुपये खर्च का प्रस्ताव पेश किया। नियोजन विभाग ने इन्वेस्ट इंडिया के प्रस्ताव पर 45 करोड़ की धनराशि को औचित्यपूर्ण करार दिया है।

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दरअसल, निविदा रद्द होने के बाद उच्च स्तर पर प्राप्त निर्देश के क्रम में नामिनेशन बेसिसपर कंसल्टेंट का चयन करने पर सहमति बनी। इसके लिए कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की गई थी। इस समिति ने अपनी संस्तुति शासन को दे दी है।

इन्वेस्ट इंडिया में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी क्षेत्र की है। ऐसे में यह एक निजी क्षेत्र की संस्था है। पर, इसमें राज्य व केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है। केंद्र सरकार के तमाम विभाग, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, जम्मू व कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व तेलंगाना इन्वेस्ट इंडिया को नॉमिनेशन बेसिस पर कार्य आवंटित कर रहे हैं।

केंद्र सरकार के सचिव उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग इस संस्था के चेयरमैन हैं। ऐसे में नॉमिनेशन बेसिस पर इसे कंसल्टेंट के रूप में सहयोग लेने के लिए उपयुक्त करार दिया गया है।

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उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इसे विशेष प्रकृति का प्रकरण मानते हुए केंद्र सरकार में काम करने वाली संस्था इन्वेस्ट इंडिया को नॉमिनेशन बेसिस पर कंसल्टेंट अनुबंधित करने की संस्तुति दे दी है। समिति ने कहा है कि इन्वेस्ट इंडिया को कंसल्टेंट अनुबंधित करने की नियमानुसार कार्यवाही कर प्रकरण को कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।

समिति ने इन्वेस्ट इंडिया से पूर्व में भेजे गए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल के टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर), स्कोप ऑफ वर्क व पेमेंट शिड्यूल पर सहमति लेने को कहा है। सक्षम स्तर से अनुमोदन मिलने के बाद परियोजना के क्रियान्वयन व अनुश्रवण से संबंधित आगे की सभी कार्यवाही उच्चाधिकार प्राप्त समिति करती रहेगी।

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