वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौरान बहुत से ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता की मौत हो गई और उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। इसको देखते हुए योगी सरकार ने फैसला लिया है ऐसे सभी बच्चों की देखभाल सरकार करेगी।
जिन बच्चों को सरकारी आवासीय विद्यालयों में पढ़ना है वह वहां पढ़ सकते हैं और जिनको नहीं पढ़ना है, उनके खाते में हर माह चार हजार रुपये सरकार भेजेगी। यह बातें मंगलवार को कानपुर पहुंची उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री स्वाति सिंह ने मीडिया से मुखातिब होते कहीं।
महिला कल्याण मंत्री स्वाति सिंह मंगलवार को कानपुर पहुंची और आलाधिकारियों के साथ स्वरुप नगर स्थित बाल संरक्षण केन्द्र पहुंची। यहां उन्होंने निरीक्षण किया और मौजूद कर्मचारियों व अधिकारियों से वार्ता की।
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इसके साथ ही केन्द्र में रह रहे बच्चों से भी हालचाल लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इन सब बच्चों का ख्याल परिवार की तरह रखा जाए और इनका मानसिक बल मजबूत किया जाये। इसके लिए समय-समय पर मनोवैज्ञानिक डाक्टरों के जरिये काउंसलिंग भी कराई जाए।
मीडिया से संक्षिप्त वार्ता में उन्होंने कहा कि कोविड से जिन बच्चों के माता-पिता की मौत हो गई है या दो में एक की मौत हुई है और उनकी परवरिश सही से नहीं हो पा रही है, उन सभी बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी यूपी सरकार ने ले रखी है।
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ऐसे बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए रिश्तेदारों की सहमति से लड़के को अटल आवासीय विद्यालय और लड़की को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में दाखिला कराया जाएगा। यही नहीं जिन बच्चों के रिश्तेदार इस पर सहमति नहीं देंगे उन बच्चों के बैंक खाते में हर माह चार हजार रुपया सरकार भेजने का काम करेगी।