लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की ओर से राजस्व मामलों को लेकर लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। अब इसमें खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरना शुरू हो गई है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 12 जिलों के डीएम, सहित विभिन्न तहसीलों के एसडीएम और तहसीलदारों के खिलाफ योगी सरकार (Yogi Government) ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। बीते 31 अक्टूबर को की गई राजस्व परिषद् की उच्च स्तरीय समीक्षा में कुल राजस्व वादों, पैमाइश, नामांतरण और कुर्रा-बंटवारा के निस्तारण में खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण, उपजिलाधिकारियों को चेतावनी और तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि थमाई गई है।
हर 15 दिन पर हो रही उच्चस्तरीय समीक्षा
अपर मुख्य सचिव राजस्व परिषद् सुधीर गर्ग ने बताया कि प्रदेश में राजस्व मामलों के शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण पर मुख्यमंत्री (CM Yogi) का विशेष जोर है। राजस्व विवादों के चलते कई बार कानून-व्यवस्था के लिए चुनौतियां उत्पन्न होती हैं। ऐसे में प्रदेश के 2941 राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण करने के लिए दो माह का विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री (CM Yogi) की ओर से दिये गये हैं।
बता दें कि लंबित राजस्व मामलों के निपटारे की समीक्षा मुख्यमंत्री (CM Yogi) के स्तर पर हर 15 दिन में की जा रही है। खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की सख्त हिदायत मुख्यमंत्री की ओर से दी गई है।
इन जिलों और तहसीलों के अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
इसी के तहत कुल राजस्व मामलों के निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों में प्रतापगढ़, जौनपुर, संत रविदास नगर, अयोध्या और रायबरेली के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा पैमाइश के मामलों में खराब प्रदर्शन वाली पांच तहसीलों सफीपुर (उन्नाव) , लोनी (गाजियाबाद), कोरांव (प्रयागराज), नकुड़ (सहारनपुर) और फतेहाबाद (आगरा) के उपजिलाधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है। वहीं इसी मामले में खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों मेरठ, संत रविदास नगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर और आगरा के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
- खराब प्रदर्शन करने वाले कई अफसरों पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई
- कई उपजिलाधिकारियों को भी दी गयी चेतावनी, तहसीलदारों को थमायी गई प्रतिकूल प्रविष्टि
- राजस्व मामलों के निपटारे के लिए प्रदेश में चल रहा दो माह का विशेष अभियान
ऐसे ही नामांतरण के मामलों के निपटारे में कोताही बरतने वाली दुद्धी (सोनभद्र), मिहिपुरवां (बहराइच), ओबरा (सोनभद्र), मेजा (प्रयागराज) और रायबरेली (रायबरेली) के तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि भेजी गई है। वहीं खराब निस्तारण वाले जनपदों रायबरेली, प्रतापगढ़, सोनभद्र, अयोध्या और संत रविदास नगर के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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इसके अलावा कुर्रा-बंटवारा के मामलों के निपटारे में खराब प्रदर्शन करने वाली तहसीलों भदोही (संत रविदास नगर), रानीगंज (प्रतापगढ़), हैदरगढ़ (बाराबंकी), हंडिया (प्रयागराज) और कैम्पियरगंज (गोरखपुर) के उप-जिलाधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है। कुर्रा-बंटवारा में खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों संत रविदास नगर, प्रतापगढ़, बलरामपुर, देवरिया और प्रयागराज के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।