उत्तर प्रदेश में बरसात के बाद फैलने वाली संक्रामक बीमारियों पर नकेल कसने की कवायद के तहत योगी सरकार एक जुलाई से ‘दस्तक’ अभियान शुरु करेगी।
अभियान में स्वास्थ्य विभाग को अन्य सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये हैं। बीमारियों से लड़ने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों की राज्य स्तरीय ट्रेनिंग देने की शुरुआत कर दी गई है।
अधिकृत सूत्रों ने बताया कि देश में सबसे अधिक लगभग 73000 निगरानी समितियों का गठन करने वाला उत्तर प्रदेश मौसमी बुखार, मच्छर व जल जनित बीमारियों से लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने जा रहा है। समितियों से जुड़े 04 लाख से अधिक सदस्यों को घर-घर दस्तक देकर लोगों को जागरूक करने में लगाए गये हैं। बीमारियों से बचाव और खांसी, जुकाम, बुखार होने पर मौके पर ही प्राथमिक इलाज के रूप में उपयोगी दवाओं को उपलब्ध कराने भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी में इलाज के सभी पुख्ता इंतजाम कर दिये गये हैं। 592 शहरी पीएचसी को भी 24 घंटे रोगियों को इलाज देने के लिये एलर्ट रहने को कहा गया है।
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मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य में कोरोना की रोकथाम करने के साथ ही प्रत्येक वर्ष बरसात के बाद फैलने वाली बीमारियों से लड़ने के मजबूत इंतजाम किये हैं। खासकर इंसेफलाइटिस, डेंगू, मलेरिया मौसमी बुखार जैसे अन्य मच्छर जनित बीमारियों के लिये स्वास्थ्य विभाग को एलर्ट किया गया है। सभी अस्पतालों में जांच की व्यवस्था की गई है। सभी पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पतालों में फीवर क्लीनिक स्थापित किये गये हैं। संचारी रोगों के पूर्ण रूप खात्मे के लिये सभी अस्पतालों में इलाज के मुकम्मल इंतजाम पूरे कर लिये गये हैं।
प्रदेश के समस्त खण्ड विकास अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारियों, जिला विद्यालय निरीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों समेत अन्य सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को दस्तक अभियान में पूर्ण सहयोग करने के लिये कहा गया है।
ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों में किसी भी कीमत पर बीमारियों को प्रवेश न मिले इसके लिये बड़ी तैयारी की गई है। मौसमी बुखार को मात देने के लिये सरकार ने बरसात के पहले से ही प्रयास शुरू कर दिये हैं। गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान के दौरान नाले-नालियों की सफाई कराई जा रही है। यूपी की 58194 ग्राम पंचायतों और 97509 राजस्व ग्रामों में अधिक सतर्कता बरती जा रही है। विशेष रूप से सफाई पर जोर दिया जा रहा है। ब्लीचिंग पाउडर और सोडियम हाइपोक्लोराइउ के छिड़काव और फॉगिंग के भी निर्देश दिये गये हैं।
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संचारी रोगों की रोकथाम के लिये विशेष रूप से सर्विलांस व्यवस्थाओं को और बेहतर करने, स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ ग्राम्य विकास विभाग और बाल विकास पुष्टाहाल आदि विभागों को भी एक्टिव किया गया है। बरसात के मौसम में इंसेफलाइटिस जैसी जल जनित बीमारियों के प्रसार का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में सरकार बीमारी से बचाव और रोकथाम के लिये कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। सीएम योगी पहले ही आशा बहुओं, आंगनबाड़ी कार्यकात्रियों, एएनएम, ग्राम प्रधानों को गांव-गांव में लोगों को इंसेफलाइटिस से बचाने के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दे चुके हैं।