उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के लिए जरूरी मंडियों की बेहतरी लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की मंडियों में बेहतर सुविधा प्रदान करने और मंडियों में कार्य कर रहे व्यापारियों के प्रोत्साहन के लिए मंडी शुल्क की दर को 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत करने का आदेश दिया है।
मंडियों में विकास कार्यों को गति प्रदान के लिए विकास शुल्क की दर (0.5 प्रतिशत) यथावत रहेगी। यानी अब मंडी परिसर के अंदर व्यापार करने पर वर्तमान में लागू 2.5 प्रतिशत के स्थान पर कुल 1.5 प्रतिशत कर ही देय होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने कृषकों को मंडियों में बेहतर सुविधा प्रदान करने एवं मंडियों में कार्य कर रहे व्यापारियों के प्रोत्साहन हेतु मंडी शुल्क की दर को 02 प्रतिशत से घटाकर मात्र 01 प्रतिशत किए जाने का आदेश दिया है।@spgoyal@sanjaychapps1 @74_alok pic.twitter.com/cqRyE8TXRY
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) November 5, 2020
बता दें केंद्र की मोदी सरकार द्वारा मंडी शुल्क समाप्त करने के बाद प्रदेश में मंडी परिसर के भीतर 2 प्रतिशत मंडी शुल्क और आधा प्रतिशत विकास शुल्क लगाया गया था। योगी सरकार के इस फैसले से मंडियों की वार्षिक आय भी प्रभावित होगी।
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मंडी शुल्क समाप्त होने से पहले वर्ष 2019-20 में मंडी परिषद की सालाना आय लगभग 2000 करोड़ रुपये थी। वहीं मंडी परिसरों से बाहर शुल्क समाप्त करने के बाद आय घटकर करीब 1200 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है।