Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

योगी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग कर विदेशी पर्यटकों को देगी बौद्ध सर्किट साहित्य

Buddha

Buddha

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की नीति का नतीजा है कि कोरिया, श्रीलंका और जापान के पर्यटकों को अब उन्हीं की भाषा में बौद्ध सर्किट (Buddhist circuit ) के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। इससे बौद्ध सर्किट (Buddhist circuit ) सहित छह जिलों के ओडीओपी उत्पादों की भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग होगी। कोरियन, सिंहली और जैपनीज भाषा में बौद्ध स्थलों से जुड़ी पुस्तक ‘द पाथ’ का अनुवाद हो चुका है। इसमें प्राचीन बौद्ध स्थलों की पूरी जानकारी, इतिहास से लेकर भूगोल तक बताया गया है।

दुनिया को शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले गौतम बुद्ध ने प्रदेश के सारनाथ में ही धर्मचक्र प्रवर्तन का पहला उपदेश दिया था। इसके अलावा कुशीनगर में भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली भी है। भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थलों को संवारने-संजोने पर योगी सरकार का विशेष ध्यान है। इस कड़ी में सरकार एक कदम और बढ़ाते हुए बौद्ध सर्किट से जुड़े साहित्य का तीन भाषाओं में अनुवाद करा चुकी है।

इस बारे में उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक मुकेश मेश्राम ने कहा, ‘प्रदेश में बौद्ध सर्किट (Buddhist circuit ) के बारे में जानकारी देने वाली पुस्तक द पाथ हमारे पास हिंदी और अंग्रेजी में है। श्रीलंका, जापान और कोरिया से काफी संख्या में पर्यटक उत्तर प्रदेश आते हैं। इस पुस्तक के अनुवाद का उद्देश्य है कि इन देशों से आने वाले पर्यटकों को उनकी भाषा में सही और पूरी जानकारी मिले।’

सरकार ने पिछले पांच वर्षों में सुन्दरीकरण और विकास पर दिया विशेष ध्यान

उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग श्रीलंका, कोरिया और जापान के पर्यटकों को यह पुस्तक भेंट स्वरूप देगा। बौद्ध सर्किट के यह स्थल के-3 (कपिलवस्तु, कौशाम्बी और कुशीनगर) और एस-3 (सारनाथ, श्रावस्ती और संकिसा) हैं। सरकार ने पिछले पांच वर्षों में इन स्थलों के सुन्दरीकरण और विकास पर विशेष ध्यान दिया है, जिसका नतीजा है कि इन स्थलों की पहचान आज वैश्विक पर्यटन स्थल के तौर पर हुई है। इससे प्रदेश में पर्यटकों की आवक भी बढ़ी है।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों को मिलेगी वैश्विक पहचान

ओडीओपी से जुड़े इन उत्पादों की भी होगी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग

पुस्तक में एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) के छह उत्पादों की खूबियों के बारे में भी पूरी जानकारी है। इन उत्पादों में अपनी विशेष खुशबू की वजह से पहचाने जाने वाले सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, सदियों से अपनी कढ़ुआ कारीगरी के लिए विश्व प्रसिद्ध वाराणसी की सिल्क साड़ी, जंगली घास फूस से आकर्षक ढंग की वस्तुएं बनाने के लिए पहचाना जाने वाला श्रावस्ती का जनजातीय शिल्प, पीतल और लकड़ी की बनी डाइयों से प्रिंटिंग के लिए मशहूर फर्रूखाबाद का ब्लॉक प्रिंटिंग, केले के पौधे के रेशे से हस्तशिल्प बनाने में ख्याति प्राप्त कुशीनगर का केला फाइबर उत्पाद और कौशाम्बी का खाद्य प्रसंस्करण (केला) उत्पाद शामिल है। पुस्तक में इन सबके विषय में सिंहली, कोरियन और जैपनीज भाषा में भी जानकारी मिलेगी।

Exit mobile version