उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पं दीन दयाल उपाध्याय की प्रेरणा से शुरू किया गया आत्मनिर्भर भारत अभियान सशक्त एवं समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार करेगा।
श्री योगी ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से भाजपा द्वारा आयोजित व्याख्यान माला को सम्बोधित करते हुये कहा कि यह वर्ष कई अर्थाें में अत्यन्त महत्वपूर्ण वर्ष है। इस दौरान पूरा विश्व कोविड-19 की महामारी से प्रभावित है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सही समय पर उचित और लोक कल्याणकारी निर्णय लिये जाने से हमारा देश सुरक्षित स्थिति में है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित प्रधानमंत्री आर्थिक पैकेज के माध्यम से देश महामारी से भी निपट रहा है और सतत आर्थिक विकास के लिए भी प्रयत्नशील है।
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उन्होने कहा कि पंडित दीन दयाल संवेदनशीलता को बहुत महत्वपूर्ण मानते थे। आदि शंकराचार्य की जीवनी में पं दीन दयाल लिखते हैं कि आदि शंकराचार्य एक बार एक घर में भिक्षा मांगने गये। भिक्षा के लिए एक घर के दरवाजे पर आवाज लगाने के पश्चात उन्होंने देखा कि घर के सामने एक झोपड़ी में एक दीन हीन व्यक्ति भूख से कराह रहा है। घर की मालकिन द्वारा भिक्षा लेकर आने पर उन्होंने भिक्षा लेने से इन्कार कर दिया। घर की मालकिन द्वारा कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आपके घर के सामने एक व्यक्ति भूख से कराह रहा है। आप उसके दुःख, दर्द के प्रति संवेदनहीन हैं। आपसे ली गयी भिक्षा मुझे भी ऐसी ही संवेदनहीन बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीन दयाल का मानना था कि पूरे देश व समाज में ऐसी संवेदनशीलता की आवश्यकता है, जिससे कहीं भी कोई व्यक्ति गरीबी, बेचारगी, अभाव से ग्रस्त न हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसी ही संवेदना से युक्त हैं। कोविड-19 के कारण लाॅकडाउन लागू करने के पश्चात उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की। इसमें उनकी वैचारिक दृष्टिकोण का भी योगदान है। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज में पं दीन दयाल के अन्त्योदय का संकल्प छिपा हुआ है।