देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को नाराजगी जाहिर की है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपंकर दत्ता ने लोगों के बर्ताव पर गुस्सा जाहिर किया।
उन्होंने कहा, आप कुंभ मेला चाहते हैं, आप शादी करना चाहते हैं, लेकिन आप मास्क पहनना नहीं चाहते, सैनेटाइजेशन नहीं चाहते। चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या आप लोग कोरोना की तीसरी लहर का इंतजार कर रहे हैं।
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चीफ जस्टिस दीपंकर दत्ता ने कोरोना के बढ़ते मामले पर कहा, “आपको कुंभ चाहिए। आप शादियां करेंगे। लेकिन आप मास्क पहनना नहीं चाहते। सैनेटाइजेशन नहीं चाहते।”
उन्होंने आगे कहा, “एक व्यक्ति ने शादी में लोगों की पिटाई की थी, हम उतनी सख्ती को स्वीकार नहीं करते। लेकिन अगर आप सिर्फ 15 दिन के लिए घर से बाहर नहीं निकलेंगे, तो हालात सुधर सकते हैं।”
चीफ जस्टिस का इशारा त्रिपुरा के डीएम की कार्रवाई पर था। चीफ जस्टिस ने कहा, “लोग अगर पाबंदियां नहीं मानेंगे। अगर वो कोरोना गाइडलाइंस फॉलो नहीं करेंगे, तो कोरोना कैसे रुकेगा? क्या वो तीसरी लहर का इंतजार कर रहे हैं?”
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ऐसा नहीं है कि चीफ जस्टिस ने सिर्फ आम लोगों को ही फटकार लगाई। उन्होंने महाराष्ट्र के अस्पतालों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “हम अस्पतालों को जातुगृह में नहीं बदलना चाहते। ऐसा घर जिसे दुर्योधन ने पांडवों को मारने के लिए बनवाया था।”