शास्त्रों के अनुसार शरीर के अंगों की बनावट के आधार पर इंसान के बारे में बहुत कुछ ज्ञात किया जा सकता है। ऐसे में चेहरे के सबसे निचले भाग में स्थित ठोड़ी को देखकर भी बहुत कुछ जाना जा सकता है। ठोड़ी के प्रकारों के आधार पर ही मनुष्य के गुण-अवगुण तथा स्वभाव के बारे में आसानी से जाना जा सकता है।
किस प्रकार की ठोड़ी वाले व्यक्ति कैसे होते है:
सामान्य ठोड़ी:
ऐसे ठोड़ी वाले लोग हमेशा सच बोलने वाले और अपने नियमों का पालन करने वाले माने जाते हैं। इसी के साथ ही ऐसे लोग गंभीर और कम बोलने वाले पाए जाते हैं।
लंबी ठोड़ी:
जिन लोगों की ठोड़ी सामान्य से थोड़ी लंबी होती है, ऐसे लोगों में अनेक गुण मिलते हैं। ऐसे ठोड़ी वाले लोगों का मन स्थिर पाया जाता है और ये एक ही लक्ष्य बनाकर लगातार उसे पाने में लगे रहते हैं।
छोटी ठोड़ी:
ऐसी ठोड़ी वाले लोग आलसी, असंतोषी, विवेकहीन और काम से भागने वाले माने जाते हैं। इसी के साथ इनके मन में कोई महत्वाकांक्षा नहीं रहती है। इन्हे कामचोर कहा जा सकता है।
गोल ठोड़ी:
ऐसे लोग हर काम बहुत जल्दबाजी में करते हैं, इस कारण से कभी-कभी इनके काम बिगड़ भी जाते हैं। इसी के साथ यह क्रोधी दिखने का प्रयास करते हैं, लेकिन अंदर से बहुत डरपोक माने जाते हैं।
अण्डाकार ठोड़ी:
ऐसे लोग भावुक, नटखट, कलाप्रेमी, व्यवहारिक और ऊंचे विचारों वाले कहे जा सकते हैं और ऐसे लोग कला के क्षेत्र में नाम कमाने में भी बहुत आगे रहते हैं।
मुख के अंदर दबी हुई ठोड़ी:
ऐसी ठोड़ी वाले लोग काफी चंचल होते हैं। यह आलसी, निराशावादी व मायूस और मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ नहीं होते है।
आगे निकली हुई ठोड़ी:
ऐसे लोग अपने काम के लिए कर्मठ और गतिशील होते हैं, इसी के साथ इनमें बहुत से अवगुण भी होते हैं। ऐसे लोग स्वार्थी, पैसों के लिए कुछ भी करने वाले, धूर्त और कपटी माने जाते हैं।
वर्गाकार ठोड़ी:
ये ठोड़ी समकोण की स्थिति में होती है। ऐसी ठोड़ी वाले लोग आमतौर पर आर्थिक रूप से संपन्न होते हैं। इनके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं होती। ऐसे लोग वासना से युक्त और अपनी ताकत का दुरूपयोग करने वाले होते हैं। इन्हें आराम पसंद होता है। इसलिए ये थोड़े आलसी भी होते हैं। इनके पास अपने आराम का हर सामान उपलब्ध होता है। अगर ऐसे लोग रंग के काले हों तो इनमें उत्तेजना और असभ्यता का अवगुण भी आ सकता है।