नींद पूरी होना या रात को सोते वक़्त अच्छी नींद का होना ये हमारे आने वाले दिन की गतिविधियों (Activities) को बहुत प्रभावित करता है। नींद का हमारे शारीरक और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए वैज्ञानिक कहते है कि अच्छी नींद का होना और नींद पूरी होना हमारे लिए बहुत आवश्यक है।
लेकिन अच्छी नींद के लिए शयनकक्ष (Bedroom) का सही दिशा में होना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि हमें यह भी ज्ञान होना चाहिए कि हमें किस दिशा में सिर और किस दिशा में पैर रखकर सोना चाहिए।
ज्योतिष्य विज्ञान के अनुसार अच्छी नींद के लिए भी दिशाओं का ज्ञान आवश्यक है। हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में भी अच्छी नींद को लेकर कई निर्देश दिए गए हैं। तो चलिए आज हम जानते हैं कि अच्छी नींद के लिए क्या आवश्यक है और क्या नहीं ?
अच्छी नींद के लिए
>> अच्छी नींद का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार हमें रात में लगभग 6 घंटे की नींद लेना बहुत आवश्यक है। इससे हमारा रक्त संचार सही रहता है और दूसरे दिन शरीर में ताजगी और स्फूर्ति बनी रहती है।
>> वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में सिर करके सोने को सबसे उत्तम माना गया है। ऐसा माना जाता है कि दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से नींद पूरी नहीं होती और रात भर बेचैनी बनी रहती है।
>> हिन्दू ग्रंथों में पूर्व दिशा को सोने के लिए बहुत अच्छा माना गया है। पूर्व दिशा उगते सूर्य की दिशा होती है। इसलिए इस दिशा की तरफ पैर करके सोना निषेध माना जाता है। पूर्व दिशा में सर और पश्चिम दिशा में पैर करके सोने से आप एक अच्छी नींद का अनुभव ले सकते हैं।
>> शादीशुदा लोगों को सोने के लिए दक्षिण, दक्षिण-पूर्व, या दक्षिण-पश्चिम की ओर सर करके सोना सबसे उत्तम माना जाता है।
>> शादीशुदा जोड़ों को यह भी सलाह दी जाती है कि उन्हें किसी ऊपरी बीम के नीचे नहीं सोना चाहिए।
>> यदि आप उत्तरी गोलार्ध में रहते हैं, तो आपको उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने से बचना चाहिए। दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए।