लखनऊ। गल्ला मण्डी त्रिवेणीनगर में रहने वाले अरूण राठौर (22) ने गुरूवार को धारदार हथियार से खुद का गला रेत लिया। परिजनों ने लहूलुहान देखा तो अस्पताल ले गये। पुलिस को बताया तो इंस्पेक्टर मामले को हल्के में लेकर बैठे रहे। तब तक मामले की जानकारी उत्तरी जोन के अफसरों को हो चुकी थी। जिसके बाद उसकी जान बची।
हरदोई का रहने वाला अरूण गल्ला मण्डी के त्रिवेणीनगर इलाके में पिता गुलजारी राठौर के साथ किराये के मकान में रहकर मजदूरी करता है। उसके पिता गुरूवार सुबह काम के सिलसिले में निकले थे, पर अरूण नहीं गया था।
उसने दोपहर में किसी धारदार हथियार से अपना गला रेत लिया। पिता घर पहुंचे तो उन्होंने बेटे को लहूलुहान देख अस्पताल पहुंचाया। पुलिस को मामले की भनक लगी तो दो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे।
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बाद में खुदकुशी के प्रयास की जानकारी एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह, एसीपी अलीगंज अखिलेश कुमार सिंह को हुई तो उन्होंने पीड़ित को तत्काल ट्रामा सेन्टर में इलाज के लिए ले जाने के निर्देश दिये। तब पुलिस हरकत में आयी। अरूण को अस्पताल पहुंचाया गया। फिर उसकी जान बची।
अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि पीड़ित के परिजनों का कहना है कि अरूण नशे का आदी था। उसकी दिमागी हालत भी बेहतर नहीं थी। जिसके चलते उसने ये कदम उठाया है लेकिन असलियत उसके होश में आने के बाद ही सामने आयेगी कि उसने खुदकुशी का प्रयास क्यो किया।