पटना। पटना हाईकोर्ट (Patna highcourt) से सशर्त जमानत मिलने के बाद बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप (YouTuber Manish Kashyap) को रिहा कर दिया गया है। बता दें कि मनीष को बिहार की बेऊर जेल में रखा गया था। 9 महीने बाद मनीष को जेल से रिहाई मिली है। मनीष को पहले तमिलनाडु ले जाया जाना था, मगर, पटना सिविल कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में ही रखा गया।
मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने पटना की बेऊर जेल से निकलते ही बिहार सरकार पर निशाना साधा। आजतक से बातचीत में Manish ने कहा कि बिहार में कंस की सरकार चल रही है। मनीष ने अपनी गाड़ी के आगे भारी भीड़ देखकर कहा कि यहां सभी को सुरक्षा मिल जाती है, लेकिन हमारे लिए रोड ही खाली करवा दीजिए। मनीष ने अपने आगे चल रहे लोगों से कहा कि आगे बढ़ने दीजिए, वर्ना ये लोग मुझ पर फिर कोई केस कर देंगे।
दरअसल, 12 मार्च 2023 को हथकड़ी पहने एक व्यक्ति की ट्रेन में यात्रा करते हुए वीडियो अपलोड की गई थी, इसी मामले में मनीष के खिलाफ FIR हुई थी। मनीष पर आरोप लगाया गया था कि सार्वजनिक भावनाओं को भड़काया है। इसके लिए वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई। पुलिस ने आईपीसी और आईटी अधिनियम की कई धाराओं के तहत कार्रवाई की थी। इस केस में पटना हाईकोर्ट ने मनीष कश्यप को सशर्त नियमित जमानत दी।
मनीष कश्यप (Manish Kashyap) पर कानूनी शिकंजा तब कसा था, जब तमिलनाडु में बिहार के लोगों के खिलाफ हिंसा को लेकर एक वीडियो सामने आया था। आरोप लगाया गया था कि ये वीडियो मनीष ने फर्जी तरीके से अपने यूट्यूब चैनल पर दिखाया है। मनीष कश्यप के वीडियो को तमिलनाडु पुलिस ने गलत बताते हुए केस दर्ज किया था। तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर एनएसए के तहत भी कार्रवाई की थी।
पेशी पर पहुंचे मनीष कश्यप का लोगों ने किया स्वागत, जिंदाबाद के नारे और फूलों की बारिश
मनीष ने राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उस समय तमिलनाडु सरकार ने एनएसए हटाए जाने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलीलें दी थीं। हालांकि, मनीष को राहत मिल गई थी। वहीं मनीष के खिलाफ बिहार के बेतिया जिले में 7 मामले दर्ज किए गए थे। इसमें भाजपा विधायक से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के अलावा बैंक मैनेजर से मारपीट का भी आरोप था। इस मामले में कुर्की-जब्ती के बाद मनीष ने थाने में सरेंडर कर दिया था, तभी से मनीष को जेल में रखा गया था।