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आखिरकार तीन दशक बाद पी टी ऊषा के कोच नम्बियार को पद्मश्री मिलने की घोषणा

Desk by Desk
26/01/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, खेल, नई दिल्ली, राष्ट्रीय
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p t usha coach

p t usha coach

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नई दिल्ली। भारतीय एथलेटिक्स की सबसे सफल एथलीट और उड़न परी के नाम से मशहूर पीटी ऊषा के कोच ओवी माधवन नम्बियार को पद्मश्री देने में तीन दशक से अधिक का समय लग गया। 89 वर्षीय नम्बियार को इस साल पद्मश्री देने की घोषणा की गयी है। नम्बियार सहित सात लोगों को खेल क्षेत्र से देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री के लिए चुना गया है। नम्बियार एथलेटिक्स में देश के पहले द्रोणाचार्य अवार्डी थे। पीटी ऊषा ने नम्बियार को पद्मश्री मिलने पर हार्दिक बधाई दी है।

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नम्बियार ने देश को उसकी सबसे बड़ी एथलीट दी जिसने अपनी शानदार उपलब्धियों से देश का नाम रौशन किया है। नम्बियार पीटी ऊषा के 14 साल के करियर में उनके निजी कोच बने रहे। नम्बियार को 1985 में कोचों के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित किया गया था लेकिन उसके 36 साल बाद अब जाकर उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिया जा रहा है।

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केरल के नम्बियार का जन्म 1932 में हुआ था। वह 1955 में भारतीय वायु सेना से जुड़े थे जहां वह वायु सेना के डेकाथलन चैंपियन थे। वह वायु सेना एथलेटिक्स टीम के कोच भी बने। उन्हें 1976 में केरल की स्पोर्ट्स डिवीजन में कोच नियुक्त किया गया। नम्बियार ने केरल के कन्नूर जिले स्पोर्ट्स हॉस्टल में एक एथलेटिक इवेंट में पीटी ऊषा की प्रतिभा को उस पहचाना जब उसकी उम्र 15 साल थी।

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उसके अगले 14 वर्षों तक नम्बियार पीटी ऊषा के कोच बने रहे। पीटी ऊषा 1984 के लॉस एंजेलिस ओलम्पिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में सेकंड के सौंवें हिस्से से पदक से चूक गयी थीं। पीटी ऊषा ने 1985 की एशियाई चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता था। उन्होंने 1986 के सोल एशियाई खेलों में चार स्वर्ण और एक रजत पदक जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने 1989 की एशियाई चैंपियनशिप में चार स्वर्ण जीते थे।

Tags: O.M. Nambiarpadma shri awards 2021PT Usha
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