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खुदरा कर्ज की रफ्तार एक दशक के निचले स्तर पर

Desk by Desk
06/11/2020
in ख़ास खबर, राष्ट्रीय
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home loan

सस्ता कर्ज

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नई दिल्ली। बैंकों का कारोबार कर्ज की रफ्तार पर निर्भर करता है और इसमें भी खुदरा कर्ज उनके लिए बेहद अहम होता है। लेकिन कोरोना संकट ने बैंकों के खुदरा कर्ज कारोबार को बड़ा झटका दिया है। इस साल सितंबर में बैंकों का खुदरा कारोबार 9.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ा है। बैंकों के खुदरा कारोबार की यह वृद्धि दर एक दशक से भी अधिक समय का सबसे निचला स्तर है।

उपभोक्ता त्योहारों के अवसर पर उपभोक्ता उत्पाद या घर के अन्य समान के लिए कर्ज लेते हैं। इस साल सितंबर से ही त्योहारों की शुरुआत हो गई है। लेकिन इसके बावजूद सितंबर में खुदरा कर्ज की रफ्तार महज 9.17 फीसदी रही। वहीं बैंकों का कुल कर्ज कारोबार की रफ्तार महज 5.77 फीसदी ही रही। पिछले एक दशक में यह पहला मौका है जब खुदरा कर्ज कारोबार 10 फीसदी से नीचे रहा। वर्ष 2010 के अगस्त में खुदरा कारोबार 8.76 फीसदी रहा था। उस समय वैश्विक आर्थिक मंदी का दौर था।

आरआईएल ने कहा- संस्थाओं को प्रतिबंधित करने के सेबी के आदेश के खिलाफ दायर की याचिका

खुदरा कर्ज कारोबार में इस साल फरवरी से ही गिरावट जारी है। लॉकडाउन खुलने के बाद कई क्षेत्रों में सुधार के संकेत दिखे हैं। लेकिन खुदरा कर्ज कारोबार में चुनौतियां कायम हैं। अप्रैल और मई में खुदरा कर्ज की रफ्तार क्रमशः 12.06 फीसदी और 10.59 फीसदी रही थी। सितंबर के खुदरा कर्ज के आंकड़ों के मुकाबले भी अप्रैल-मई के आंकड़ें बेहतर थे। इतना ही नहीं मार्च अंत और सितंबर अंत में खुदरा कर्ज में महज 18060 करोड़ रुपये यानी 0.71 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि बैंकों के खुदरा कर्ज कारोबार के घटने के दो कारण हैं। इसमें पहला यह कि बैंक कोरोना संकट के दौर में बेहद सावधानी से कर्ज बांट रहे हैं। वह कर्ज देने के पहले यह आकलन कर रहे हैं कि कर्ज लेने वाला उसे वापस कर पाएगा या नहीं। वहीं उपभोक्ता भी वेतन कटौती और नौकरी जाने का आशंका बढ़ने की वजह से नए कर्ज से दूरी बनाए हुए हैं।

Tags: bankcheap loancoronahome loanloanlockdownRetail Loanकर्जकोरोनाखुदरा कर्जबैंकलॉकडाउनसस्ता कर्जहोम लोन
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