चर्चित बाइक बोट घोटाले में नोएडा पुलिस ने घोटाले के मास्टर माइंड समेत 26 आरोपियों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है।
गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड (बाइक बोट कंपनी) नाम से फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले मुख्य अभियुक्त संजय भाटी और उसके अन्य साथियों के खिलाफ थाना दादरी में एफआईआर दर्ज की गई थी। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी को भी गैंगस्टर के तहत आरोपी बनाया गया है।
नोएडा पुलिस ने पहले कार्रवाई करते हुए जालसाजी के जरिए अर्जित की गई तीन करोड़ 74 लाख 92 हजार रुपए की संपत्ति को कुर्क किया है। नोएडा पुलिस ने बाइक बोट घोटाले से जुड़े संजय भाटी, राजेश भारद्वाज, विजयपाल कसाना, हरीश कुमार, विनोद कुमार, संजय गोयल, विशाल कुमार, राजेश सिंह यादव, पुष्पेंद्र सिंह, विनोद कुमार, आदेश भाटी, सचिन भाटी, करण पाल, सुनील कुमार और पवन भाटी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है।
इतना ही नहीं, नोएडा पुलिस ने इस जालसाजी से जुड़े 11 और लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करते हुए, इन्हें भी गैंगस्टर एक्ट के तहत निरुद्ध किया है। जिन 11 आरोपियों पर गैंगस्टर तामील किया गया है, उनमें ललित कुमार, वीके शर्मा, दिनेश पांडे, सत्येंद्र सिंह, रवींद्र, रेखा, तरुण शर्मा, विदेश भाटी, बद्री नारायण तिवारी, मनोज कुमार और अनिल शाह शामिल हैं।
दरअसल साल 2010 में संजय भाटी ने कंपनी की शुरूआत की और 2018 में एक बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी। स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई थी। इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62200 रुपये का निवेश कराया गया। उसके एवज में एक साल तक 9765 रुपये देने का वादा किया गया था। निवेश करने वालों का आरोप है कि उन्हें पैसे नहीं दिए गए। बाद में संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए। दादरी कोतवाली एरिया के कोट गांव में बाइक बोट का मुख्य आॅफिस बनाया गया था। बाइक बोट घोटाला सामने आने के बाद निवेशकों को शांत करने के लिए लाखों फर्जी चेक तक दिए गए।
ग्रेटर नोएडा स्थित बाइक बॉट टैक्सी सेवा पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा समेत कई राज्यों में 2.25 लाख निवेशकों से ठगी करने का आरोप है। ग्रेटर नोएडा में गर्वित इनोवेटिव प्रोमोटर्स लिमिटेड (जीआईपीएल) कंपनी बहुस्तरीय मार्केटिंग योजना बाइक बॉट लेकर आई तथा निवेशकों को एक साल में दोगुना पैसा देने का लालच दिया।