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महिलाएं अपने पति के भरोसे नहीं छोड़े वित्तीय योजना

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नई दिल्ली| पीढ़ियों से घर में वित्तीय फैसले लेने का ज्यादातर अधिकार पतियों के पास ही होता है। महिलाओं का आमतौर पर इन फैसलों में कम ही हस्तक्षेप देखने को मिलता है। हालांकि, अब समय बदल चुका है और महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। ऐसे में वित्तीय फैसलों और भविष्य की योजनाओं की प्लानिंग आखिर सिर्फ पति पर क्यों छोड़ी जाए, पत्नियों को इस ओर सजगता के साथ कदम उठाने की जरूरत है।

यूबीएस ग्लोबल की जारी एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, पति भविष्य की योजना बनाने को लेकर लापरवाह होते हैं, ऐसे में सिर्फ उनके भरोसे वित्तीय योजनाओं को छोड़ना मुनासिब नहीं होगा। हालांकि अभी भी एक महिलाओं का एक बड़ा तबका है, जो कि खासतौर पर वित्तीय मामलों में अपने पति की सलाह को ही अहमियत देता है।

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1800 से अधिक विवाहित पुरुषों और महिलाओं पर यह सर्वेक्षण किया गया है। इनमें से करीब आधी महिलाओं ने प्रमुख वित्तीय फैसलों और भविष्य के निवेश से संबंधित निर्णयों में अपने पति का साथ देने की बात कही। सर्वे में शामिल महिलाओं के लिए इसका कारण था कि उन्हें पता ही नहीं कि कहां से शुरू करें।

कुछ महिलाओें ने हवाला दिया कि वो किसी बहस में पड़ना नहीं चाहती हैं। सर्वे में शामिल 60 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वित्तीय फैसलों में अपने जीवनसाथी पर विश्वास करना बेहतर है। इस सर्वे में सामने आया कि पति भविष्य की योजना बनाने को लेकर थोड़ा लापरवाह होते हैं। ऐसे में पत्नियों को ऐसे फैसलों में भागीदारी के लिए आगे आना चाहिए।

तथ्य यह है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती हैं और उनके बुढ़ापे में अकेले रहने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में वित्तीय मजबूती होना बेहद जरूरी है। इसलिए इस अध्ययन में कुछ महिलाओं की तरह, आप भी यह नहीं जानती हैं कि कहां से शुरू करें। तो इस बारे में आज से ही सोचना शुरू करें। आपको वास्तव में अपने निवेश, जीवन बीमा जैसे कारकों पर ध्यान देना होगा।

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