महाकालेश्वर मंदिर के विकास कार्यो के तहत चल रही खुदाई के बीच मंदिर के समीप से एक शिव मंदिर निकला है। इस मंदिर में गर्भगृह अलग से है और प्रवेश द्वार तीन तरफ से है। मंदिर के पिल्लर पर अप्सराओं की प्रतिमाएं हैं वहीं नंदी की खण्डित प्रतिमा भी बाहर निकल आई है।
राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा इस खुदाई कार्य की मानीटरिंग चल रही है। बताया जा रहा है कि जांच के लिए भोपाल से सोमवार को टीम आ सकती है। वहीं जो ढांचा मिला है, उसे देखकर पता चलता है कि वह परमारकालीन है।
परमार काल में यह मंदिर या तो आततायियों के हाथों टूटा होगा या फिर किसी कारण से इस मंदिर की उपादेयता को लेकर प्रश्नचिंह खड़े होने पर इसे बूर दिया गया होगा। अभी दो हिस्सों में जो ढांचा दिखाई दे रहा है, उसकी करीब सात दिन में खुदाई के बाद पूरी स्थिति साफ होगी।
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पुरातत्वविद् शुभम केवलिया के अनुसार राज्य पुरातत्व विभाग की देखरेख में यह काम चल रहा है। अत: वे ही इस पर प्रकाश डालेंगे। यह सही है कि परमारकालीन मंदिर निकला है और खुदाई के बाद ही स्पष्ट होगा कि अंदर की स्थिति क्या है?