गाजियाबाद। 10वीं के छात्र का पढ़ाई में मन नहीं लगता था और वह महीने में दस दिन स्कूल भी नहीं जाता था। पढ़ाई से पीछा छुड़ाने के लिए उसने ऐसी करतूत कर डाली कि जिसने भी सुना, वही सकते में आ गया। इस छात्र में पड़ोस के बच्चे की इसलिए हत्या (Murder) कर दी कि उसे स्कूल ना जाना पड़े।
क्योंकि, उसने सुना था कि जेल में पढ़ाई नहीं होती। पड़ोसी दोस्त की हत्या (Murder) के बाद वह खुद ही पुलिस चौकी पर पहुंच गया। जब उसने पुलिस को हत्या की बात बताई तो पहले किसी को विश्वास नहीं हुआ। जब मृत छात्र का शव मिला तब जाकर पुलिस में भी हड़कंप मच गया।
ये घटना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मसूरी थाना क्षेत्र के ननकागढ़ी गांव की है। यहां 16 साल के दसवीं के छात्र ने आठवीं में पढ़ने वाले अपने दोस्त नीरज कुमार (13) की हत्या (Murder) कर दी। सोमवार शाम को गला दबाकर हत्या करने के बाद वह खुद गार्डन एंक्लेव पुलिस चौकी पहुंचा और पुलिसवालों से कहा कि उसे जेल भेज दो, वह पढ़ना नहीं चाहता है। पहले तो पुलिस को उस पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब उसकी बताई गई जगह पर नीरज का शव मिला तो पुलिसवाले चौंक गए।
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उसने पूछताछ में बताया कि पहले बात करते-करते अचानक से नीरज का गला दबाया और फिर कांच की बोतल से गला काटने की कोशिश की। इसके बाद उसे हिला-डुलाकर देखा. मौत हो जाने की पुष्टि के बाद ही वह वहां से गया। नीरज और आरोपी के घर पड़ोस में हैं। दोनों साथ खेलने जाते थे। आरोपी से पूछताछ के हवाले से एसपी देहात डॉ. ईरज रजा ने बताया, उसे स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था। परिवार के लोग दबाव बनाकर भेज देते थे, लेकिन वहां उसका मन नहीं लगता था।
पुलिस के मुताबिक, वह पढ़ाई में कमजोर था, अंक बहुत कम आते थे। महीने में दस से ज्यादा छुट्टी कर लेता था। उसने बताया है कि उसने कई जगह सुना कि जेल में पढ़ाई नहीं होती है। इसी से यह सोच लिया कि अगर वह जेल चला जाए तो पढ़ाई से छुटकारा मिल जाएगा। इसके बाद वह जेल जाने के तरीके सोचने लगा। उसे लगा कि हत्या के जुर्म में जेल में लंबे समय रहेगा। इसलिए यह वारदात की। उसे आज मंगलवार को बाल सुधार गृह भेजा जाएगा।