उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के छिवलहा में सेमरहा गांव के बाहर उस वक़्त सनसनी फैल गई जब एक पेड़ के नीचे 11 बंदरों के शव मिले। देखते ही देखते यह खबर जंगल की आग की तरह पूरे गांव में फैल गई और लोगों की भीड़ जमा हो गई। छह बंदर बेसुध थे और तड़प रहे थे। मृत बंदरों के मुंह से झाक निकल रहा था। सूचना की जानकारी होते ही कुछ ही देर बाद वहां पुलिस टीम, पशु चिकित्सकों की टीम व वन उप निरीक्षक पहुंचे और जांच की। 11 बंदरों के शवों को वन विभाग की टीम खागा आफिस ले आई है। शनिवार को इनका पोस्टमार्टम होगा। वन उप निरीक्षक ने मुकदमा दर्ज कराया है।
वन विभाग की टीम ने इस दुर्घटना में जहर खाने अथवा खिलाने की आशंका जताई गई है। हथगाम थानाक्षेत्र के सेमरहा गांव के बाहर सड़क किनारे एक आम के पेड़ के नीचे लोगों ने दोपहर में बंदरों को तड़पते देखा। लोग पहुंचे तो पता चला कि करीब छह बंदर मर चुके हैं और पांच तड़प रहे हैं। इसकी खबर पर रामदल अध्यक्ष आगेंद्र साहू व मीडिया प्रभारी अजय गुप्ता लोगों के साथ वहां पहुंचे और तुरंत पुलिस, पशु चिकित्सकों व वन विभाग को सूचना दी। पलिया पशु अस्पताल से डा. अनुपम, वन दरोगा शैलेंद्र व हथगाम पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू हुई।
इलाज के दौरान पांच और बंदरों ने दम तोड़ दिया। मौके पर तड़प रहे छह बंदरों को इलाज के बाद राहत मिली तो वह जंगल में भाग गए। वन उप निरीक्षक शैलेंद्र अपनी टीम के साथ 11 बंदरों के शव को लेकर खागा पहुंचे और उच्चाधिकारियों को जानकारी दी। देर शाम वन उप निरीक्षक शैलेंद्र कुमार द्वारा हथगाम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया बंदरों की मौत जहरीला पदार्थ खाने या किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जानबूझकर उन्हें जहर दिया गया है। एसओ हथगाम अश्विनी सिंह ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई और शवों के पोस्टमार्टम को लेकर विधिक कार्यवाही कराई जा रही है।
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पलिया पशु अस्पताल के डॉ. अनुपम ने बताया कि बंदरों की हालत देखकर जहरीला पदार्थ खाने की आशंका है, लेकिन स्पष्ट रूप से पोस्टमार्टम के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इलाज से छह बंदरों की हालत सुधरी है। जबकि कुछ इलाज के बाद भी मर गए। एक नन्हें बंदर की हालत बेहद ही नाजुक थी, जिसे ग्रामीण को सौंपा गया। उसे दूध पिलाया जा रहा था लेकिन वह कुछ भी खा-पी नहीं रहा था।
ग्रामीणों ने बताया कि सेमरहा गांव के अंदर व बाहर बागों में बंदरों की संख्या बहुत है। बंदरों की मौत कैसे हुई इसे लेकर जहरीला पदार्थ खाने या किसी के द्वारा खिलाने की सम्भावना ही बन रही है। एक ही जगह पर बंदरों की मौत, जहरीला पदार्थ खाने की ओर इशारा कर रही है।
वन विभाग के रेंजर सच्चिदानंद यादव ने बताया कि उप निरीक्षक द्वारा बंदरों के शवों को खागा आफिस में रखा गया है। कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद शनिवार की सुबह पशु चिकित्सक को बुलाकर शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।