उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि पिछले साल 17 अक्टूबर से चलाये गये मिशन शक्ति अभियान के दौरान महिला एवं बाल अपराधों में प्रभावी अभियोजन के जरिये इन अपराधों में लिप्त अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने की दिशा में सफलता प्राप्त हुयी है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को बताया कि पिछली 17 अक्टूबर से इस वर्ष 24 मार्च तक अभियोजन विभाग ने प्रभावी पैरवी के कर 12 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड की तथा 456 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है।
इस दौरान अभियोजन विभाग को 414 अभियुक्तों को दस वर्ष एवं उससे अधिक का कारावास तथा 1178 अभियुक्तों को दस वर्ष से कम के कारावास की सजा प्रभावी पैरवी के माध्यम से दिलाने में सफलता प्राप्त हुयी है। इसके अलावा 503 अभियुक्तों को अर्थदण्ड़ दिलाने में भी सफलता मिली है।
साढ़े सात करोड़ की मार्फिन के साथ सात तस्कर चढ़े पुलिस के हत्थे
अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि उक्त अवधि में 1580 अभियुक्तों को जिला बदर भी कराया गया है तथा 9881 अभियुक्तों की जमानत खारिज कराने में भी सफलता प्राप्त की गयी। अभियान के दौरान बलात्कार सहित हत्या के ऐसे मामले जो विरले से विरले थे, उनमे प्रभावी अभियोजन द्वारा हापुड़, हाथरस, रायबरेली, बांदा, गाजियाबाद, हरदोई, जौनपुर, सुलतानपुर व बुलन्दशहर में विभिन्न अभियोगों में 12 अभियुक्तों को फांसी की सजा से दण्डित कराया जा चुका है।
उन्होने बताया कि सरकार के स्पष्ट निर्देश थे कि बलात्कार सहित हत्या के मामलों में ऐसे मामले जो विरले से विरले पाये जायें, अभियोजन विभाग उनमें मृत्युदण्ड की सजा सुनिश्चित कराने के हर संभव प्रयास करे ताकि अपराधियों के बीच यह संदेश स्पष्ट एवं मुखर रूप से पहुँचे कि यदि उनके द्वारा ऐसा जघन्य अपराध किया जायेगा तो उन्हें प्रत्येक दशा में मृत्युदण्ड ही मिलेगा।