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12वीं बोर्ड के कंपार्टमेंट एग्जाम नहीं होंगे रद्द, SC ने खारिज की याचिका

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सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं बोर्ड के कंपार्टमेंट एग्जाम रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट में 1,152 छात्रों ने याचिका दायर कंपार्टमेंट एग्जाम रद्द करने की मांग की थी। छात्रों ने सीबीएसई के मार्किंग फॉर्मूले पर भी सवाल उठाए थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि 12वीं के कंपार्टमेंट, प्राइवेट और रिपीटर्स के छात्रों के लिए परीक्षाएं रद्द नहीं होंगी। कोर्ट ने ये भी कहा कि वो सीबीएसई और आईसीएसई के फॉर्मूले से सहमत है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीएसई या आईसीएसई परीक्षा रद्द करने के फैसले को किसी की व्यक्तिगत अवधारणा से तय नहीं किया जा सकता। ये बड़े जनहित में लिया गया फैसला था। हम प्रथम दृष्टया सरकार के इस फैसले से सहमत थे।

एक याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सीबीएसई कह रहा है कि कम्पार्टमेंट की परीक्षाएं 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच आयोजित की जाएंगी, जबकि आईआईटी कानपुर के एक अध्ययन से पता चलता है कि तीसरी लहर सितंबर में आएगी। एम्स का भी कहना है कि वायरस का एक और वर्जन 3 सप्ताह में आ सकता है।

इस पर जस्टिस एमएम खानविलकर ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से पूछा कि “अगर इम्प्रोवमेंट और कंपार्टमेंट के छात्रों की संख्या कम है तो क्या 31 जुलाई तक लिखित परीक्षा नहीं कराई जा सकती? आप ऐसे छात्रों से एक हफ्ते में संपर्क करने के लिए बोलिए, तब अगस्त के पहले हफ्ते में परीक्षा कराई जा सकती है।” जवाब देते हुए एजी वेणुगोपाल ने बताया कि सरकार 15 अगस्त तक कंपार्टमेंट एग्जाम कराने पर विचार कर रही है।

कोर्ट ने इस सुझाव को भी खारिज कर दिया कि चूंकि दूसरे संस्थान लिखित परीक्षा आयोजित कर रहे हैं तो सीबीएसई को भी करनी चाहिए. सीबीएसई बोर्ड ने व्यापक जनहित में परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है।

12वीं के छात्रों को पास करने के लिए सीबीएसई और आईसीएसई का फॉर्मूला अलग-अलग है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सीबीएसई के फॉर्मूले को आईसीएसई क्यों नहीं मान रहा? इस पर आईसीएसई के वकील ने कहा कि उनका बोर्ड 6 साल की परफॉर्मेंस के आधार पर आंकलन करेगा।

कोर्ट ने कहा कि 13 एक्सपर्ट की कमेटी ने सीबीएसई के मार्किंग फॉर्मूले को तैयार किया है, इसलिए हम इसे मंजूर करते हैं।

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