पटना : बिहार के चार जिलों में आकाशीय बिजली (Lightning) गिरने से 13 लोगों की मौत हो गई है। यह दुखद हादसा बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर जिलों में हुआ है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, बेगूसराय में 5, दरभंगा में 4, मधुबनी में 3 और समस्तीपुर में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। बता दें, यह हादसा बीते दिन 9 अप्रैल को घटित हुआ, जिसकी जानकारी 10 अप्रैल को सुबह सामने आई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस आपदा की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी।
पीड़ित परिवारों को मिलेगी सहायता राशि
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर जिलों में आकाशीय बिजली (Lightning) गिरने से हुई मौतों पर अत्यंत दुखी हैं और उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने सभी पीड़ित परिवारों को अविलंब चार लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।”
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से खराब मौसम के दौरान सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और खराब मौसम के दौरान घर के अंदर ही सुरक्षित रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मौसम संबंधी चेतावनियों को नजरअंदाज न करें और सतर्क रहें।
आईएमडी ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 10 अप्रैल के लिए बिहार के कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले शामिल हैं। मौसम विभाग के अनुसार, इन जिलों में तेज बारिश, आंधी-तूफान और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है।
आईएमडी ने बताया कि किशनगंज और सुपौल जिलों में 10 अप्रैल को एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। साथ ही, वज्रपात और आंधी के खतरे को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
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राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे मौसम की चेतावनियों को गंभीरता से लें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। यह आपदा एक बार फिर से यह साबित करती है कि मौसम की बदलती परिस्थितियों में सतर्कता और जागरूकता ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा है।