उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां सबसे अधिक कोरोना संक्रमण की जांच की गयी है और इतनी बड़ी संख्या में लोगों से सम्पर्क किया गया है।
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुये कहा कि प्रदेश में कोरोना में कमी आ रही है फिर भी सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अब तक 2.15 करोड़ से अधिक टेस्ट किये जा चुके है। घर-घर सर्वें का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सर्विलांस के माध्यम से लगभग 15 करोड़ लोगों तक पहुंच कर उनका हालचाल लेते हुए कोविड-19 संक्रमण की जानकारी भी ली गयी है।
उन्होने कहा कि प्रदेश के कन्टेनमेंट जोन में भी कमी आयी है इसकी संख्या घटकर 6,415 हो गयी है। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचे। खासकर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चे सार्वजनिक स्थानों व कार्यक्रमों में जाने से परहेज करें।
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अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,49,871 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 2,21,49,067 सैम्पल की जांच की गयी है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 1440 नये मामले आये हैं। प्रदेश में 17,955 कोरोना के एक्टिव मामले में से 7,756 लोग होम आइसोलेशन में हैं।
उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालयों में 1796 लोग ईलाज करा रहे हैं, इसके अतिरिक्त मरीज एल-1, एल-2 तथा एल-3 के सरकारी अस्पतालों मंे अपना ईलाज करा रहे है। पिछले 24 घंटे में 1584 तथा अब तक कुल 5,46,087 लोग कोविड-19 से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। प्रदेश में कोविड-19 का रिकवरी प्रतिशत 95.44 है।
श्री प्रसाद ने बताया कि कोविड संक्रमण से मुक्त होने के बाद भी यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है तो वह प्रत्येक जिला अस्पताल में स्थापित पोस्ट कोविड केयर डेस्क से सम्पर्क करे। कोविड वैक्सीन के भण्डारण के साथ-साथ वैक्सीन लक्षित समूहों को लगाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही वैक्सीन के लिए तकनीकी लोगों को प्रशिक्षण देने का भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक पहले से बीमार बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं को संक्रमण से बचाना होगा।