लखनऊ में चल रहे अवैध 19 निजी अस्पताल बन्द होंगे और इनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग विधिक कार्रवाई करेगा। जिला प्रशासन के निर्देशन में कुछ महीने पहले राजधानी में निजी अस्पतालों के खिलाफ अभियान चलाया गया था और इन अस्पतालों में बड़ी खामियां देखने को मिलीं। शिकायत मिलने पर विभाग ने 30 निजी अस्पतालों की जांच करवाई थी। स्वास्थ्य विभाग ने डीएम को जांच रिपोर्ट भेजकर 19 अस्पतालों को पूरी तरह से बंद करने की संस्तुति की थी। डीएम ने इस पर मुहर लगा दी है।
अस्पतालों के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी (NOC) तक नहीं है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इन अस्पतालों का संचालन करवाकर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। निजी अस्पताल फायर के उपकरण टांग शपथ पत्र देकर खुद ही अस्पताल चला रहे हैं।
अस्पतालों पर कार्रवाई
सम्राट, हॉस्पिटल, बेस्ट केयर, वेलकम, गैलेक्सी, शालिनी, प्रभाकर, उजाला, सिमना, इकाना, मेडिविन सनफोर्ड, साधना, उन्नति, उजाला, काकोरी हॉस्पिटल समेत 19 अस्पताल बंद किए जाने की तैयारी है। इन अस्पतालों में एमबीबीएस डॉक्टर और कुशल स्टाफ के साथ अन्य खामियां भी सामने आई हैं।
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इन अस्पतालों की होगी जांच
शेफालिया, चंद्रा हॉस्पिटल, हिमसिटी, हर्बल हॉस्पिटल, न्यू तुलसी, न्यू एशिया, दीपक लाइफ सांइसेंस, एसएन हॉस्पिटल, लखनऊ हॉस्पिटल, जैना हॉस्पिटल, लक्ष्य कैंसर हॉस्पिटल। जांच के दौरान 19 अस्पताल बंद करने की संस्तुति की गई थी, जबकि 11 अस्पतालों को दोबारा मानकों पर चेक करने बाद ही पंजीकरण-नवीनीकरण किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने लगाई मुहर
स्वास्थ्य विभाग की फाइल पर जिलाधिकारी ने मुहर लगा दी है। इसके अलावा शहर के 11 अन्य अस्पताल भी स्वास्थ्य विभाग की रडार पर हैं। अस्पतालों में मानक पूरा ना होने पर विभाग इन्हें भी बंद कराएगा। बता दें कि राजधानी में 1200 से अधिक निजी अस्पताल में से 100 अस्पताल ही मानक पूरा करते हैं।