लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 सैनिकों के नाम आखिरकार गणतंत्र दिवस से पहले नई दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल में शामिल कर लिए गए हैं।
इससे पहले अक्टूबर 2019 और सितंबर 2020 के बीच कई अलग-अलग अभियानों में मारे गए 90 सैनिकों के नामों को नेशनल वॉर मेमोरियल में शामिल किया गया था। इस नेशनल वॉर मेमोरियल का अनावरण फरवरी 2019 में किया गया था।
हालांकि नामों को शामिल किए जाने मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन आगे की प्रक्रिया में देरी का मतलब था कि नामों को पहले नहीं रखा जा सकता। अगर इस मामले में जल्दबाजी नहीं की जाती तो गणतंत्र दिवस के दौरान इनके नाम शामिल नहीं हो पाते जब प्रधानमंत्री नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते।
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पिछले साल इंडिया गेट की जगह गणतंत्र दिवस पर बनाए गए नेशनल वॉर मेमोरियल में सैन्य कार्रवाई में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई थी। नेशनल वॉर मेमोरियल आजादी के बाद शहीद सैनिकों की याद में बनाया गया था।
पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीनियों ने झड़प में मारे गए लोगों की संख्या का खुलासा नहीं किया।
गलवान घाटी में पिछले साल जून में चीनी सेना के जवानों के साथ हुई हिंसक संघर्ष में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों की याद में अक्टूबर में लद्दाख के एक दौलत बेग ओल्डी में वॉर मेमोरियल बनाया गया है जिसमें उस संघर्ष में शहीद हुए एक अफसर समेत 20 सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं।
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इस वॉर मेमोरियल में उन सभी भारतीय जवानों के नाम लिखे हैं, जो 15 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में शहीद हो गए थे। यह झड़प गलवान घाटी में पैंगोंग लेक इलाके में हुई थी। वॉर मेमोरियल में 20 शहीद सैनिकों के नाम के साथ ही 15 जून को हुए पूरे स्नो लेपर्ड ऑपरेशन का पूरा विवरण दर्ज है। इस झड़प में 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल बी संतोष बाबू समेत 19 सैनिक शहीद हो गए थे।