कौशांबी। जिला अदालत के अपर जिला जज (सप्तम) नीरज कुमार उपाध्याय ने दुराचार के आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास (Imprisonment) एवं 31 हज़ार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। मुल्जिम रामपाल यादव ने किशोरी को अकेला देख उसके घर पर घुस कर दुष्कर्म किया था। पुलिस ने जून 2021 में मामले दर्ज कर आरोपपत्र अदालत में दाखिल कर कड़ी सजा दिए जाने की मांग की थी।
कौशांबी थाना क्षेत्र के रहने वाले एक शख्स ने थाना पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 3 जून 2021 को पडोसी रामपाल यादव ने उसकी किशोर बेटी से घर में घुस कर जबरन दुष्कर्म किया। वारदात के समय पीड़ित के माता-पिता रिश्तेदारी में गया हुआ था। जिसका फायदा उठा कर रामपाल यादव ने घटना को अंजाम दिया।
माता पिता के वापस घर आने पर पीड़ित ने आपबीती बताई। जिसके बाद मामले की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया। मामले में सुनवाई जिला अदालत के अपर जिला जज (सप्तम) नीरज कुमार उपाध्याय ने की। मुकद्दमे की सुनवाई के दौरान अदालत के सामने 7 गवाह परीक्षित कराया गया।
शासकीय अधिवक्ता शशांक खरे ने बताया, अदालत में 7 गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी रामपाल को दुराचार का दोषी पाया गया। अदालत ने मुल्जिम रामपाल को 20 साल के कठोर कारावास के साथ 31 हज़ार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत के फैसले के बाद पीड़ित पक्ष ने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया है।