उत्तर प्रदेश में एक से सात जुलाई तक चले वन महोत्सव के दौरान करीब 27.92 करोड़ पौधों का रोपण किया जा चुका है जबकि शेष पौधों को वर्षा की उपलब्धता के अनुसार रोपित कर 30 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि आज तक वन विभाग द्वारा गंगा जी व उसकी सहायक नदियों के किनारे 1.30 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए गए। सड़क किनारे विशेषकर एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग आदि के किनारे रोपण को प्राथमिकता दी गयी। अन्य 26 विभागों द्वारा अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 17.87 करोड़ पौध डीएसटी प्रक्रिया के माध्यम से वन विभाग की पौधशालाओं से प्राप्त कर वृक्षारोपण में उपयोग किया गया।
राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने हरिशंकरी पौध रोपित कर झांसी में चार जुलाई को पहुज नदी पर स्थित सिमरधा बांध पर स्मृति वाटिका में एक ही दिन में 25 करोड़ पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम में कुल 5,000 पौधे लगाए गए तथा ग्रामवासियों को 10,000 सहजन के पौधे वितरित किए गए।
इसी प्रकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुल्तानपुर में पौधरोपण कर वृक्षारोपण की शुरुआत की। प्रदेश में सड़क किनारे जैसे एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग व सर्विस लेन के बीच हरित पट्टी विकसित किए जाने की श्रृंखला में मुख्यमंत्री ने ग्रीन फील्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सुल्तानपुर में हरिशंकरी का पौधा रोपित किया। उन्होंने इस अवसर पर पंचवटी, नक्षत्र वाटिका एवं नवग्रह वाटिका में एक-एक पौधा रोपित किया।
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उन्होने सुल्तानपुर के बड़ाडाड़ विकास खण्ड तहसील बल्दीराय में देव स्थान के पास स्थित विरासत वृक्ष ‘बरगद‘ की पूजा-पाठ कर परिक्रमा की तथा अमरूद, महुआ, हरसिंगार आदि के पौधे वितरित किए। यूपीडा द्वारा वन विभाग से 30,000 पौधे क्रय कर निकटवर्ती ग्रामवासियों को वितरित किए गए। इस वृहद स्तरीय वृक्षारोपण से ग्रामवासियों को फल, चारा, इमारती लकड़ी व औषधियां मिलेंगी।
प्रदेश की ग्राम सभाओं में स्मृति वाटिका की स्थापना कर कोविड महामारी अथवा अन्य कारणों से बिछडे़ प्रियजन की याद में पौधरोपण किया गया। प्रदेश में कुल 18,878 स्मृति वाटिकाओं की स्थापना की गयी। ग्रामवासियों की आय में वृद्धि के लिये ग्राम पंचायत की भूमि पर इमारती एवं फलदार पौधों का रोपण किया गया। खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए मिड-डे मील में उपयोग करने के लिये प्रदेश के विद्यालयों में सहजन के पौधों का रोपण किया गया।