जापान। नए साल 2024 के पहले दिन सुनामी और भूकंप जैसी आपदाओं को भी मात देकर उठ खड़े होने वाले जापान ने एक बार फिर से मंगलवार को जलते विमान (Burning Plane) से 379 लोगों को सुरक्षित निकालकर दुनिया को हैरान कर दिया है। बता दें कि जापान में मंगलवार को एक विमान में लैंडिंग के वक्त भीषण आग लग गई और विमान में 379 लोग सवार थे। करिश्मे वाली बात यह है कि भीषण आग के बाद भी सभी 379 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। इनमें 367 यात्री थे और 12 क्रू मेंबर्स थे। टोक्यो के हेनेडा एयरपोर्ट पर लैंडिंग से ठीक पहले जापान एयरलाइंस का विमान एक कोस्ट गार्ड प्लेन से टकरा गया था। इस टक्कर के बाद भीषण आग (Burning Plane) लग गई और देखते ही देखते प्लेन जलकर राख हो गया।
हालांकि हर कोई हैरान है कि इतने भीषण हादसे के बाद भी कैसे एक-एक यात्री को बचा लिया गया। जापान के सरकारी चैनल एनएचके के मुताबिक घटना के तुरंत बाद बचाव दल अलर्ट हो गया था। प्लेन के जमीन पर आते ही तुरंत लोगों को उतारने पर फोकस किया गया। इसके अलावा यात्रियों ने भी साहस दिखाया गया और इमरजेंसी एग्जिट से एक के बाद एक उतर गए। कई लोगों ने तो खिड़कियों से ही छलांग लगा दी। कुछ लोगों के जख्मी होने की खबरें जरूरी हैं, लेकिन किसी की भी जान नहीं गई। यह किसी करिश्मे से कम नहीं है।
गनीमत यह रही कि हादसे के तुरंत बाद बचाव दल ऐक्टिव हुआ और आग बुझाने के लिए दमकल की 70 गाड़ियां पहुंच गईं। प्लेन तो पूरी तरह से जलकर खाक हो गया, लेकिन यात्री सभी सेफ निकले हैं।
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बता दें कि दशकों से जापान में कोई बड़ा विमान हादसा नहीं हुआ है। आखिरी बार 1885 में टोक्यो से ओसाका जा रहा जापान एयरलाइंस का विमान क्रैश हो गया था। इसमें 520 यात्री और क्रू मेंबर मारे गए थे। किसी एक विमान हादसे में मरने वालों की यह सबसे बड़ी संख्या थी। बता दें कि साल 2024 के दूसरे ही दिन जापान को यह एक नई आपदा झेलनी पड़ी।
साल के पहले ही दिन भीषण भूकंप, सुनामी का भी है रिस्क
जापान में साल के पहले दिन रिक्टर स्केल पर 7.5 की तीव्रता का भीषण भूकंप आया और अब तक इसमें 48 लोगों की मौत हो चुकी है। यही नहीं भूकंप के बाद सुनानी का भी अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को ही भूकंप के बाद सुनामी की लहरें उठती देखी गई थीं। बता दें कि 2004 में भी जापान को सुनामी का भीषण कहर झेलना पड़ा था, लेकिन जीवटता के लिए मशहूर यह देश फिर से उठ खड़ा हुआ। उस आपदा में एक ही दिन में ढाई लाख मारे गए थे और करीब 30 लाख लोगों को बेघर होना पड़ा था।