लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में राजकीय बाल गृह (Children Home) में बीते पांच दिन में चार बच्चियों की मौत हो गई। आरोप है कि बाल गृह में उचित देखभाल न होने से बच्चियों की ठंड से मौत हुई है। डीपीओ विकास सिंह ने बच्चों की मौत के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही बाल गृह अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए रिपोर्ट मांगी है।
बताया जा रहा है कि 10 से 12 फरवरी के तीन बच्चों की मौत हुई थी। मंगलवार को एक और बीमार बच्ची ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। सिविल अस्पताल में भर्ती एक बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है। राज्य बाल अधिकार आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने बाल गृह जाकर अधीक्षक को जमकर फटकार लगाई। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रविंद्र सिंह यादव ने भी बाल गृह का निरीक्षण किया। डीपीओ ने लापरवाही और इलाज में कमी के दोषी लोगों पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं।
इसके पहले तबीयत खराब होने पर तीन बच्चियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी। तीसरी बच्ची, जिसका नाम दीपा था, उसकी मंगलवार को तबीयत खराब हुई तो उसे ट्रामा सेंटर रेफर किया गया, जहां गंभीर हालत में उसका इलाज किया जा रहा था, लेकिन उसकी भी मौत हो गई।
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वहीं राजधानी लखनऊ में हुई घटना के बाद अधिकारी सकते में हैं। अधिकारी मामले की जानकारी ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि बाल गृह में एक ही कमरे में क्षमता से ज्यादा बच्चों को रखा गया है। इस वजह से भी उनकी सेहत और देखभाल पर फर्क पड़ता है।