नई दिल्ली। देश में लॉकडाउन शुरू होने के बाद से कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खातों से 38,71,664 कर्मचारियों के 44,054.72 करोड़ रुपये के निकासी दावों का निपटारा किया गया। संसद को सोमवार को यह जानकारी दी गई। सरकार ने घातक कोरोनो वायरस प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च 2020 को देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया था।
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श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि अब तक 44,054.72 करोड़ रुपये के लिए कुल 38,71,664 ईपीएफ निकासी दावों का निपटारा किया गया है।
उत्तर के अनुसार इन निकासी में कोविड-19 से जुड़े दावे भी शामिल हैं। लॉकडाउन अवधि में 25 मार्च से 31 अगस्त तक 7,23,986 दावे महाराष्ट्र में किए गए थे, जहां 8,968.45 करोड़ रुपये की अधिकतम राशि निकाली गयी। सरकार ने कोविड-19 संकट के दौरान लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के एक भाग के रूप में, ईपीएफ योजना में संशोधन किया।
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मंत्रालय ने कहा है कि कोविड- 19 संकट के दौरान श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए और भी कई अन्य कदम उठाए गए। मार्च से अगस्त 2020 की अवधि में छह महीने के लिए कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की ओर से 12– 12 प्रतिशत राशि सरकार की तरफ से जमा कराई गई। यह राशि उन उद्यमों की जमा कराई गई जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और ऐसे 90 प्रतिशत कर्मचारियों की कमाई 15,000 रुपये मासिक से कम थी।