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लॉकडाउन के बाद ओपीडी खुलते ही अस्पताल पहुंचे 540 मरीज

कोरोना का प्रकोप कम होते ही शासन ने अस्पतालों को खोलने का निर्देश जारी कर दिये जिससे शुक्रवार से  ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई। पहले दिन में 540 मरीज पहुंचे जबकि आम दिनों की तुलना में मरीजों की संख्या आधी ही रही और वहीं सर्जरी के लिए कोई भी मरीज नहीं आया।

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कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए भीड़भाड़ से बचने के लिए सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवा बंद कर दी गई थी। पंद्रह अप्रैल से सरकारी अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवा बहाल थी। मई के आखिरी हफ्ते से संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज होने लगी है। एक जून से लॉकडाउन भी हटा लिया गया है। सिर्फ रात्रि कर्फ्यू जारी है। बाजारों के खुलने के बाद शुक्रवार से मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों की ओपीडी भी खुल गई। पहले दिन जिला अस्पताल में पहुंचे 540 मरीजों ने पर्ची कटाई। इसमें बुखार, सर्दी जुकाम और जोड़ों में दर्द के मरीज अधिक रहे। सुबह मरीजों की संख्या अधिक रही है। 12 बजे के बाद मरीजों की संख्या कम हो गई। सर्जरी से संबंधित कोई मरीज ओपीडी में नहीं पहुंचा। वहीं सामाजिक दूरी बनाने के लिए पर्ची और दवा काउंटर के बाहर घेरे बनाए गए थे। कोविड प्रोटोकाल के लिए तीन गार्ड भी लगाए गए थे। वहीं एनाउंसमेंट के जरिए कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक भी किया गया।

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पहले दिन ओपीडी में मरीजों की संख्या सामान्य रही। अभी ओपीडी सेवा शुरू होने की जानकारी मरीजों को नहीं हो पाई है। आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। पहले दिन सर्जरी कराने के लिए कोई मरीज नहीं आया। ओपीडी में भी सर्जरी से संबंधित कोई मरीज नहीं मिला।

डा. राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल

गंभीर मरीजों को दी जाएगी प्राथमिकता: चिकित्सा अधीक्षक

चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेंद्र कुमार ने बताया कि सर्जरी के लिए गंभीर मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर सर्जरी के लिए मरीजों की संख्या अधिक होती है तो उनकी सूची बनाई जाएगी। गंभीरता के हिसाब से मरीजों को वरीयता दी जाएगी।

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