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66 साल के पूर्व क्रिकेटर दूसरी बार बनेंगे दूल्हा, 28 साल छोटी बुलबुल बनेंगी दुल्हन

नई दिल्ली। भारत के पूर्व क्रिकेटर अरुण लाल (arun lal) दूसरी बार दूल्हा बनने जा रहे हैं। वह 66 साल की उम्र में दूसरी शादी करेंगे। उनकी होने वाले पत्नी का नाम बुलबुल साहा (Bulbul) है। बुलबुल की उम्र 38 साल है यानी वह अरुण लाल से 28 साल छोटी हैं।

अरुण और बुलबुल काफी समय से एक-दूसरे को जानते हैं। दोनों काफी पुराने दोस्त हैं। अरुण लाल ने शादी का कार्ड भी छपवा लिया और बांटने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। उनकी शादी दो मई को कोलकाता के पीयरलेस इन होटल में होगी। शादी में बड़ा रिसेप्शन भी दिया जाएगा। उनके कुछ साथी खिलाड़ी, बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी) के अधिकारी और उनके करीबी दोस्त इस शादी में शामिल होंगे।

अरुण लाल (arun lal) की पहली पत्नी ने दी मंजूरी

अरुण लाल (arun lal) ने पहली शादी रीना से की थी। दोनों ने आपसी सहमति से ही तलाक लिया है। सूत्रों की मानें तो रीना काफी समय से बीमार चल रही हैं। उन्होंने अपनी पहली पत्नी रीना से आपसी सहमति के बाद तलाक ले लिया है। अपनी पत्नी की बीमारी के चलते लाल काफी समय से उसके साथ रह रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि दोनों शादी के बाद बीमार रीना की देखभाल करेंगे। उनकी मर्जी से ही अरुण दूसरी शादी करने जा रहे हैं। अरुण और बुलबुल ने एक महीने पहले ही एंगेजमेंट की, जबकि रिलेशनशिप काफी समय से हैं।

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बंगाल रणजी ट्रॉफी टीम के कोच हैं अरुण लाल (Arun Lal) 

अरुण लाल (Arun Lal)  फिलहाल बंगाल रणजी ट्रॉफी टीम के कोच हैं। अरुण की देखरेख में बंगाल की टीम ने 13 साल के लंबे अंतराल के बाद 2020 में रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई थी। टीम ने मौजूदा सत्र में लगातार तीन जीत से 18 अंक के साथ अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की की है। अरुण लाल ने साल 1982 से 89 के बीच भारत के लिए कुल 16 टेस्‍ट और 13 वनडे मैच खेले। इस दौरान उनके बल्ले से टेस्ट में 729 और वनडे में 122 रन निकले। टेस्ट में उनके बल्ले से छह अर्धशतक और वनडे एक अर्धशतक आया। हालांकि प्रदर्शन औसत दर्जे से कम होने के कारण बाद में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

अरुण का जन्म एक अगस्त 1955 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ था। उन्होंने बंगाल के लिए क्रिकेट खेला है।अरुण को 2016 में कैंसर हुआ था, जिसकी वजह से उन्होंने कमेंट्री छोड़ दी थी। फिर उन्होंने बीमारी को मात देकर बंगाल टीम की कोचिंग की कमान संभाली।

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