कानपुर। समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाए हैं कि उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की वोटिंग के दौरान कई जगह शिकायत मिली है कि वोटर्स को वोटिंग करने से रोका जा रहा है। इस संबंध में पार्टी की ओर से कई वीडियो जारी किए गए। वीडियो सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने एक्शन लिया है और सात पुलिसकर्मियों को सस्पेंड (Suspended) कर दिया है।
कानपुर के सीसामऊ विधानसभा के वीडियो पर संज्ञान लेते हुए दो सब इंस्पेटर सस्पेंड (Suspended) हुए हैं। वहीं, मुजफ्फरनगर में 2 दारोगा नप गए हैं। इसके अलावा एसएसपी मुरादाबाद ने शिकायत मिलने पर कुंदरकी में एक सब इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों को ड्यूटी से हटाया है। तीनो के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट ने ट्वीट कर कहा कि ट्वीट का संज्ञान लिया गया है। संबंधित उपनिरीक्षकगण को निलंबित कर दिया गया है एवं सभी को चुनाव प्रक्रिया का पूर्ण पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
‘वोट डालने वाले का चेहरा देखा जाएगा…’, यूपी में मतदान के बीच बुर्का विवाद पर EC का बयान
दरअसल, अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अगर निर्वाचन आयोग का कोई जीता-जागता अस्तित्व है तो वो जीवंत होकर, प्रशासन के द्वारा वोटिंग को हतोत्साहित करने के लिए तुरंत सुनिश्चित करे। लोगों की आईडी पुलिस चेक न करे, रास्ते बंद न किए जाएं, वोटर्स के आईडी जब्त न किए जाएं, असली आईडी को नकली आईडी बताकर जेल में डालने की धमकी न दी जाए, मतदान की गति घटाई न जाए। समय बर्बाद न किया जाए, जरूरत पड़ने पर वोटिंग का टाइम बढ़ाया जाए, प्रशासन सत्ता का प्रतिनिधि न बने, चुनावी गड़बड़ी की सभी वीडियो रिकार्डिंग का रीयल टाइम संज्ञान लेकर तत्काल बेईमान अधिकारी हटाए जाएं।’
पक्षपाती रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- चुनाव आयोग
वहीं, समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया पर यूपी उपचुनाव के दौरान कुछ समुदायों को मतदान से रोके जाने की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने यूपी चुनाव आयोग और सभी जिला चुनाव अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी को सख्त निर्देश दिए। आयोग ने कहा कि मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुचारू रूप से सुनिश्चित करें। सभी शिकायतों का तुरंत संज्ञान लेके त्वरित कार्रवाई करें और उसे सोशल मीडिया के जरिए भी शिकायत कर्ता को टैग कर इन्फॉर्म करें। किसी भी योग्य मतदाता को मतदान से न रोका जाए। किसी भी प्रकार का पक्षपाती रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शिकायत मिलने पर अगर कोई दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सभी 9 जिलों में तैनात पुलिस और सामान्य पर्यवेक्षकों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि वे कड़ी नजर रखें और यह सुनिश्चित करें कि मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से हो।