कुल्लू। हिमाचल में बारिश का कहर बरकरार है। बारिश के कारण आई बाढ़ (Flood) से मंडी जिले के काशन इलाके में एक ही परिवार के 8 लोगों की दर्दनाक मौत (Death) हो गई। पुलिस ने सभी के शवों को बरामद कर लिया है।
बताया जा रहा है कि जिस घर में 8 लोगों की मौत हुई, पुलिस ने उसे जब शव निकालने के लिए तोड़ा तो उनकी आंखें नम हो गईं। बेड पर मृत पड़ी मां बच्चों को सीने से लगाए हुई थी। यह मंजर देखकर हर कोई रोने लगा। हालांकि, पुलिस ने लोगों को वहां जाने से रोक दिया।
मंडी के डीसी अरिंदम चौधरी ने बताया कि जिले में कई जगहों पर बारिश (Rain) और भूस्खलन (Landslide) के कारण काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि काशन इलाके में जब परिवार पर कहर टूटा तो चारों ओर लैंडस्लाइड होने के कारण रेस्क्यू टीम समय पर उन तक नहीं पहुंच पाई। गांव वालों ने भी परिवार को बचाने की कोशिश की। लेकिन कोई भी उन्हें नहीं बचा पाया।
फिलहाल सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मरने वालों में गांव के प्रधान खेम सिंह और उनके छोटे भाई का परिवार शामिल है। जानकारी के मुताबिक, तेज बारिश के कारण उनके घर पर मलबा गिर गया। इससे घर में मौजूद 8 जिंदगियां मलबे में ही दफन हो गईं।
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घटना शुक्रवार रात 2 बजे झड़ोंन गांव की है। घर में उस समय प्रधान खेम सिंह, पत्नी, बच्चे, उनकी भाभी, भाई के दो बच्चे और उनकी ससुर मौजूद थे। बेड पर गहरी नींद सोए बच्चों समेत 8 लोगों को कुदरती कहर ने ऐसे दबा दिया कि उन्हें शायद यह सोचने का भी मौका नहीं मिला होगा कि उनके साथ यह हुआ तो हुआ क्या।
बताया जा रहा है कि हादसे के समय प्रधान खेम सिंह का भाई झाबे राम सेब की ठेकेदारी के लिए कुल्लू गया हुआ था। जबकि, उनके माता-पिता बकरियों को लेकर सिराज क्षेत्र गए हुए थे।
झड़ोंन गांव में हुई इस घटना का भयावह मंजर देख हर किसी की आंखे भर आईं। प्रशासनिक अमला मलबे में दबे शवों को खोजने में जुटा था तो सैकड़ों लोगों की आंखों को यह इंतजार था कि मलबे में दबे सभी लोग शायद सुरक्षित निकलें। मगर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। सुबह 3 बजे से चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दोपहर 1 बजे खत्म होने के बाद बिस्तर पर पड़े शव बारी-बारी से मलबे के बीच से निकाले गए।
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पहले प्रधान खेम सिंह के भाई की पत्नी और बच्चों के शव मिले। फिर प्रधान और उनकी पत्नी का शव मिला। इसके बाद प्रधान के दो बेटों मिले और अंत में प्रधान के ससुर का शव मलबे में दबा मिला। 8 लोगों की मौत के बाद परिवार के साथ-साथ गांव वालों का भी रो-रो कर बुरा हाल है।
बता दें, जयराम सरकार के कार्यकाल के दौरान ही स्यांज से अलग होकर काशन पंचायत बनी थी। इसका पहला चुनाव खेम सिंह ने लड़ा था और वह काशन पंचायत के पहले प्रधान बने थे।