उत्तर प्रदेश में कुक्कुट विकास नीति के माध्यम से 89900 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है एवं 1055.34 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
पशुधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अण्डों के उत्पादन में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने एवं मध्यम वर्गीय कुक्कुट उद्यमियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से कामर्शियल लेयर फार्म एवं ब्रायलर पैरेन्ट फार्म की अवस्थापना योजनाओं को मार्च-2022 तक किये जाने की स्वीकृति उप्र कुक्कुट विकास नीति के तहत प्रदान की गयी है।
कुक्कुट विकास नीति के माध्यम से 90 लाख पक्षी क्षमता के कामर्शियल लेयर फार्म स्थापित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में कुक्कुट विकास नीति के माध्यम से 89900 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है एवं 1055.34 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इससे प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में बढोत्तरी में योगदान हो रहा है।
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कुक्कुट विकास नीति के अन्तर्गत कामर्शियल लेयर्स फार्म (30000 पक्षी क्षमता प्रति इकाई) की 355 इकाईयां एवं कामर्शियल लेयर फार्म (10000 पक्षी क्षमता प्रति इकाई) की 311 इकाईयां स्थापित की गयी हैं। प्रदेश में लगभग 96.56 लाख अतिरिक्त अण्डा प्रतिदिन उत्पादित हो रहा है। स्थापित 38 ब्रायलर पैरेन्ट फार्म (10000 पक्षी क्षमता प्रति इकाई) की इकाईयों से 40.80 लाख ब्रायलर चूजे प्रतिमाह उत्पादित हो रहे हैं।