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इटावा जेल में 92 वर्षीय आजीवन कारावास के बन्दी ने जीती कोरोना से जंग

जेलों में शत प्रतिशत बन्दियों का कोविड टेस्ट कराने एवं हर हाल में बन्दियों की कोरोना से सुरक्षा एवं इलाज़ के सख्त आदेश डी जी जेल श्री आनन्द कुमार जी द्वारा जेल अधिकारियों को दिए गए हैं। उनके आदेशों के अनुपालन में बड़े पैमाने पर किये जा रहे टेस्ट के परिणाम स्वरूप प्रारम्भ में कई जेलों में कोरोना पॉज़िटिव बन्दियों की संख्या बढ़ी।

किन्तु युद्घस्तर पर किये गए टेस्ट के बाद पॉज़िटिव पाए गए बंदियो की जेल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम की निगरानी में देखभाल सतर्कता और विशेष पौष्टिक आहार दिए जाने के कारण शत प्रतिशत पॉज़िटिव बन्दियों के स्वस्थ होने के समाचार निरंतर मिल रहे हैं।

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पहले जिला जेल झांसी फिर बलिया ,बस्ती सोनभद्र ,कौशाम्बी और अब आज जिला जेल इटावा में शत प्रतिशत बन्दी स्वस्थ हो चुके हैं दिलचस्प बात ये है किसी समय बड़ी संख्या में पॉज़िटिव बन्दी मिलने के बाद आज ये जेलें पूर्ण रूप से कोरोना मुक्त हो चुकी है।

जिला जेल इटावा में तो 246 कोरोना पॉज़िटिव बंदी पाए गए थे जो की सारे बन्दी एंटीजन और RTPCR टेस्ट में आज नेगेटिव यानी स्वस्थ घोषित हो चुके हैं। हर्ष का विषय है कि इनमें से विजय सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह निवासी नगला पृथ्वी थाना इकदिल जनपद इटावा; उम्र लगभग 92 वर्ष जो पूर्व से कोरोना पॉजिटिव थे। दूसरे टेस्ट में भी कोरोना की पुष्टि होने के बाद विजय सिंह तो कम घबराए लेकिन उनकी उम्र देखकर जेल प्रशासन जरूर सकते में आ गया।

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आनन फानन में उनको अलग बैरक में शिफ्ट किया गया और उनको पोष्टिक खाना व काढ़ा आदि दिया गया। विजय सिंह ने अपने ऊपर कतई ये हाबी नहीं होने दिया कि उनको जानलेवा संक्रमण हो गया। वे रोज की तरह ही जीवन व्यतीत करते रहे और जेल मैन्युनल के अनुसार कोरोना संक्रमित को मिलने वाली दवाई आदि समय पर खाई। एक सप्ताह बाद जब उनका टेस्ट हुआ तो उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई और वे पूरी तरह स्वस्थ हो गए।

एंटीजन एवं RTPCR टेस्ट में आज कोरोना नेगेटिव पाए गए। उनके ठीक होने के बाद जेल प्रशासन ने न केवल राहत की सांस ली बल्कि उनके हौसले को सलाम भी किया। उन्होंने जेल में ही रहकर जेल कर्मियों की सेवा और चिकित्सकों के सहयोग से कोरोना से जंग जीत ली।

उन्हें दफा 302 में आजीवन कारावास की सजा हुई है वह दिनांक 27-7-19 से कारागार में अपनी सजा भुगत रहे हैं।

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