आमतौर पर लोग गर्मियों के मौसम में योग (yoga) करने से बचते हैं लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार गर्मियों में योग करने से दुगुना फायदा होता है।खासतौर पर वजन घटाने के लिए गर्मियों में योग करना बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि इससे पसीना ज्यादा निकलता है।
बेहतर प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त करने के लिए पवनमुक्तासन, ताड़ासन, शलभासन आदि का अभ्यास प्रारम्भ करना चाहिए। अपने अभ्यास में धीरे-धीरे क्षमता अनुसार सूर्य नमस्कार, वज्रासन, उष्ट्रासन, मार्जारि आसन, भुजंगासन, धनुरासन, सर्वागासन आदि को जोड़ा जा सकता है।
धनुरासन की अभ्यास विधि (Yoga)
जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। गहरी श्वास लें। दोनों पैरों को घुटने से मोड़ें। इसके बाद पंजों को हाथ से पकड़ कर पैरों को जमीन से इस प्रकार उठाएं कि घुटना तथा जांघ जमीन से ऊपर उठ जाएं। सिर एवं छाती को भी यथासम्भव उठाएं। यह धनुरासन है। प्रारम्भ में एक आवृत्ति का अभ्यास करें, धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ाएं। अल्सर तथा हर्निया के रोगी इसका अभ्यास न करें। तेज बुखार में भी इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
प्राणायाम (Yoga)
विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने के लिए नाड़ी शोधन, उज्जायी तथा सरल भस्त्रिका का अभ्यास उपयोगी सिद्ध होता है, किन्तु तीव्र खांसी, जुकाम-बुखार की स्थिति में इनका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
उज्जायी प्राणायाम (Yoga)
पद्मासन, सिद्धासन, सुखासन या कुर्सी पर रीढ़, गला व सिर को सीधा कर बैठ जाएं। एक गहरी श्वास लें। इसके बाद जिह्वा के अग्र भाग को मोड़ कर ऊपरी तालू से सटाएं। अब नासिका से एक गहरी एवं धीमी श्वास इस प्रकार लें कि गले से एक खर्राटे जैसी आवाज आए तथा नासिका द्वारा एक गहरी एवं धीमी श्वास बाहर निकालें। यह उज्जायी प्राणायाम की एक आवृत्ति है। प्रारम्भ में इसकी 12 आवृत्तियों का अभ्यास करें, धीरे-धीरे इसकी आवृत्तियों की संख्या 60 तक ले जाएं।